बाबा साकार हरि का सामने आया पुराना सियासी कनेक्शन, दरबार में अखिलेश यादव भी लगा चुके हैं हाजरी
हाथरस के बाबा साकार हरि सत्संग में हुई भगदड़ से अबतक कई लोगों की जान जाने की खबर आ चुकी है, पर एक और खबर सामने आ रही है कि बाबा के दरबार में अखिलेश यादव भी हाजरी लगा चुके हैं ।
यूपी के हाथरस जिले से आज हैरान कर देने वाली खबर आई। यहां के सिकंदराराऊ कस्बे के फुलरई गांव में आज शाम एक सत्संग का आयोजन हुआ, जिसके बाद वहां भगदड़ मच गई और इसमें कई लोगों की जान चली गई है। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों व घायलों के प्रति दुख जाहिर किया। वहीं, अखिलेश यादव ने भी हादसे पर शोक जताया। इस घटना में अब तक 116 लोगों की मौत हो चुकी है और अभी भी ये आंकड़े बढ़ने के आसार हैं।
सपा प्रमुख ने जताया दुख
अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा कि ‘हाथरस-हादसे’ की दुखद सूचना मिली। सभी मृतकों को श्रद्धांजलि! आगे लिखा कि इस तरह के आयोजन में हुई मानवीय भूलों का आंकलन करने की आवश्यकता है और भविष्य के लिए सबक़ लेने की भी। एक गहन जाँच और उसके आधार पर की गयी कार्रवाई भविष्य में ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति को रोक सकती है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं! इसके बाद अब इस मामले ने एक नया मोड़ लिया है।
सत्संग में शामिल हो चुके अखिलेश यादव भी
सत्संग करने वाले सूरज पाल उर्फ बाबा साकार हरि का पुराना सियासी कनेक्शन भी सामने आया है। बता दें कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव इस बाबा के सत्संग में शामिल होते रहे हैं। पिछले वर्ष जनवरी माह में भी अखिलेश बाबा के सत्संग में शामिल हुए थे और बाबा की महिमा का गुणगान में एक पोस्ट शेयर किया था।
सोशल मीडिया पर किया था पोस्ट
अखिलेश यादव जब सूरज पाल उर्फ बाबा साकार हरि के कार्यक्रम में पहुंचे थे तो सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी फोटो के एक पोस्ट शेयर की थी। उन्होंने एक्स पर सत्संग में शामिल होने की तस्वीरें शेयर करते हुए एक पोस्ट भी लिखा था। इसमें अखिलेश यादव ने लिखा था कि नारायण साकार हरि की सम्पूर्ण ब्रह्मांड में सदा-सदा के लिए जय जयकार हो।
यौन शोषण समेत अन्य गंभीर मुकदमों का आरोपी है बाबा
स्वयंभू संत भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि बाबा खुद को लेकर भक्तों के सामने कई दावे करते हैं। वैसे बाबा कासगंज के पटियाली गांव के रहने वाले हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस में 18 साल की नौकरी के बाद उसने वीआरएस ले लिया था। बाबा का दावा है कि वीआरएस के बाद उन्हें भगवान के साक्षात दर्शन हुए थे। यही नहीं उत्तर प्रदेश पुलिस में हेड कांस्टेबल की नौकरी के दौरान 28 साल पहले बाबा इटावा में भी पोस्टेड रहा है।
नौकरी से किया गया था बर्खास्त
जानकारी के मुताबिक नौकरी के दौरान बलात्कार का मुकदमा लिखे जाने के बाद सूरज पाल को पुलिस विभाग से बर्खास्त किया गया था। जेल से छूटने के बाद वह अपना नाम और पहचान बदलकर बाबा बन गया। जानकारी के मुताबिक, बाबा साकार हरि यौन शोषण समेत पांच अन्य गंभीर मुकदमों का आरोपी है।
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