मंगेश यादव के एनकाउंटर मामले में अब राजनीति शुरू हो चुकी है। इस बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर बयान दिया है। उन्होंने बयान देते हुए लिखा, दो दिन पहले जिसको उठाया और एनकाउंटर के नाम पर बंदूक सटाकर गोली मारकर हत्य की गई। अब उसकी मेडिकल रिपोर्ट को बदलवाने का दबाव डाला जा रहा है। इस संगीन शासनीय अपराध का सर्वोच्च न्यायाल तुरंत संज्ञान ले, इससे पहले की ये सबूत मिटा दिए जाएं। अखिलेश यादव लगातार मंगेश यादव मामले को लेकर यूपी सरकार और एसटीफ पर आरोप लगा रहे हैं कि फर्जी तरीके से मंगेश यादव को गोली मारी गई।
मंगेश यादव के घर पहुंचा सपा का प्रतिनिधिमंडल
बता दें कि 6 सितंबर को समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल जौनपुर मंगेश यादव के घर पहुंचा था। इस प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई लाल बिहारी यादव कर रहे थे, जो कि यूपी विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष हैं। इस दौरान लाल बिहारी यादव ने मंगेश यादव के परिवार को सात्वना देने का काम किया। गौरतलब है कि 28 अगस्त को सुल्तानपुर शहर के ठठेरी बाजार में भरत जी सर्राफा के यहां दिनदहाड़े करोड़ों की लूट हुई थी। इस लूटकांड में शामिल जौनपुर के बदमाश मंगेश यादव को एसटीएफ ने गुरुवार की सुबह एनकाउंटर में मार गिराया था।
'जाति देखकर मारी गई गोली'
वहीं तीन बदमाशों सचिन सिंह, गोविंद सिंह और त्रिभुवन उर्फ लाला को एनकाउंटर के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। वहीं गिरोह का के सरगना विपिन सिंह ने रायबरेली कोर्ट में गैंगस्टर मामले में सरेंडर कर दिया था। इस एनकाउंटर पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सवाल उठाए हैं। अब कहा जा रहा है कि मगेश यादव की जान उसकी जाति देखकर ली गई। वहीं अन्य दूसरे आरोपियों के पैरों में दिखावटी रूप से गोली मारी गई। गौरतलब है कि सीएम योगी आदित्यनाथ कई मंचों से बोल चुके हैं कि राज्य में बेटियों और व्यापारियों को परेशान करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
(रिपोर्ट-अविनाश तिवारी)