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Hindi News उत्तर प्रदेश NEET मामले पर विवाद थमने के बाद मायावती की नई मांग, जानें क्या कहा

NEET मामले पर विवाद थमने के बाद मायावती की नई मांग, जानें क्या कहा

नीट-यूजी पेपर केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मायावती की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने पुरानी व्यवस्था बहाल करने की मांग की है।

बसपा सुप्रीमो मायावती- India TV Hindi Image Source : PTI बसपा सुप्रीमो मायावती

NEET-UG पेपर लीक केस में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि यह परीक्षा दोबारा नहीं कराई जाएगी, क्योंकि बड़ी गड़बड़ी साबित नहीं हो सकी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि फिर से परीक्षा कराना ठीक नहीं होगा और यह 24 लाख छात्रों के भविष्य का मामला है। इसी के साथ परीक्षा रद्द होने को लेकर चल रही अटकलें खत्म हो गई थीं। अब नीट यूजी की नई मेरिट लिस्ट जारी होगी। इस बीच, बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो ने पुरानी व्यवस्था बहाल करने की मांग की है।

बसपा चीफ और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा है कि केंद्रीयकृत मेडिकल नीट यूजी-पीजी परीक्षा को समाप्त कर इसकी जगह पुनः पुरानी व्यवस्था क्यों न बहाल हो, जैसा कि कई राज्य सरकारों की मांग है। पूर्व सीएम मायावती ने अपने 'एक्स' अकाउंट पर पोस्ट किया, ''ऑल-इंडिया नीट-यूजी मेडिकल परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर स्वाभाविक तौर पर सड़क से लेकर संसद व सुप्रीम कोर्ट तक यह मामला गर्माया रहा। अब नतीजा चाहे जो भी हो, लेकिन लाखों परीक्षार्थियों व उनके परिवार वालों को इसको लेकर हुआ दुख-दर्द व मानसिक पीड़ा हमेशा सताएगी।''

"देश को आश्वस्त कर पाने में अभी तक विफल"

उन्होंने आगे लिखा, "केंद्र मेडिकल की इतनी अहम परीक्षा सही से कराने के मामले में देश को आश्वस्त कर पाने में अभी तक विफल है, जो समस्या को और गंभीर बना रहा है। अतः केन्द्रीयकृत मेडिकल नीट यूजी-पीजी परीक्षा को समाप्त कर इसके लिए पुनः पुरानी व्यवस्था क्यों न बहाल हो, जैसा कि कई राज्य सरकारों की मांग है।"

40 से ज्यादा याचिकाओं पर हुई सुनवाई

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा यूजी 2024 परीक्षा को लेकर दायर हुई याचिकाओं की सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने इसकी सुनवाई की। पीठ ने सुप्रीम कोर्ट में दायर 40 से ज्यादा याचिकाओं सुनवाई की और विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की। अंत में पीठ ने अपना फैसला सुनाया और परीक्षा को दोबारा आयोजित करने से इनकार कर दिया। (IANS)

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