खराब प्रदर्शन के बाद बीजेपी अब उपचुनाव में ऐसे दिखाएगी दमखम, सहयोगी दलों को सीट न देने का बनाया मूड
2024 के लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद बीजेपी ने यूपी विधानसभा के उपचुनाव के लिए कमर कस ली है। पार्टी ने मन बना लिया है कि इस पर वह सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी।
उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद बीजेपी अब उप चुनाव में सभी 10 सीट पर चुनाव लड़ेगी। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी इस लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद अपने सहयोगी दलों को सीट नहीं देने की तैयारी में है। यही नहीं उपचुनाव में सीट जीतने के लिए बीजेपी में मुस्लिम उम्मीदवार भी उतारने पर भी मंथन चल रहा है। इसे लेकर यूपी बीजेपी के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने इंडिया टीवी से कहा कि राजनीति संभावना का खेल है।
बीजेपी में लगातार मंथन जारी
गौरतलब है कि यूपी में 10 सीट पर उपचुनाव होने हैं। जिन दस सीट पर उप चुनाव होना है उनमें 2022 में 5 समाजवादी पार्टी, 3 बीजेपी, एक आरएलडी और एक निषाद पार्टी ने जीती थी। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद यूपी बीजेपी में लगातार मंथन चल रहा है, हार के कारणों को पता करने की कोशिश की जा रही है। बीजेपी ने हारी हुई सीट पर पदाधिकारियों और विधायकों की टीम भेजी।
बीजेपी को ज़्यादा वोट नहीं दिला पाए सहयोगी दल
बीजेपी की रिपोर्ट के मुताबिक, लोकसभा चुनाव में सहयोगी दल बीजेपी को ज़्यादा वोट नहीं दिला पाए। लगभग हर सीट पर बीजेपी का वोट प्रतिशत कम हो गया। बीजेपी ने आरएलडी से समझौता किया लेकिन जाट बाहुल्य कई सीट पर बीजेपी का वोट प्रतिशत कम हो गया। पश्चिमी यूपी की नगीना सीट पर बीजेपी को पिछली बार करीब 40 फीसदी वोट मिला था जो 2024 में घटकर 36 फीसदी रह गया, जबकि इस सीट पर 36 फीसदी जाट वोट है। बीजेपी ये सीट हार गई।
इन सीटों पर होना है चुनाव
मुज़फ्फरनगर की मीरापुर सीट आरएलडी विधायक चंदन चौहान के सांसद बनने से खाली हुई है, मिर्जापुर के मंझवाँ से निषाद पार्टी विधायक विनोद कुमार बिंद सांसद बने है लेकिन इन सीट पर भी बीजेपी अपना उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद बीजेपी हर हाल में उप चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करना चाहती है। उपचुनाव वाली सीट पर बीजेपी ने सरकार के मंत्रियों की ड्यूटी लगाई है। उप चुनाव में प्रत्याशी कैसा हो इसके लिए फीडबैक लिया जा रहा है। गौरतलब है कि जिन 10 सीट पर चुनाव होने है उनमें एक सीट है मुरादाबाद की कुंदरकी भी है। यहां 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के जियाउर रहमान जीते थे अब वो संभल से सांसद हो गए हैं।
उतार सकती है मुस्लिम प्रत्याशी
बता दें कि कुंदरकी विधानसभा सीट बीजेपी सिर्फ एक बार 1993 में जीती है। इस सीट पर मुस्लिम वोटर करीब 65 फीसदी है और हिन्दू सिर्फ 35 फीसदी। बीजेपी के नेताओं का कहना है कि जब योगी सरकार में दानिश अंसारी मंत्री हो सकते है, बीजेपी मोहसिन रज़ा को एमएलसी बना सकती है तो मुसलमान को विधायक का टिकट भी दिया जा सकता है। रामपुर मे हुए उपचुनाव में बीजेपी ने रामपुर की सीट अपने सहयोगी अपना दल (एस ) को दी थी और अपना दल के शफीक अंसारी चुनाव जीत भी गए थे। ऐसे में बीजेपी का कहना है कि जब तक मुस्लिम वोट का बिखराव न हो तब तक कुंदरकी सीट जीतना मुमकिन नहीं होगा। मौजूदा हालात में मुस्लिम वोट एक मुश्त इंडिया गठबंधन के साथ है। ऐसे में बीजेपी यहां मुस्लिम उम्मीदवार उतार कर नया प्रयोग करने पर विचार कर रही है।
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