'महिला आरक्षण मेरी घरेलू समस्या नहीं, 70 करोड़ महिलाओं का मुद्दा'; बीआरएस नेता कविता ने विपक्ष पर बोला हमला
बीआरएस नेता ने केंद्र को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि महिला आरक्षण पर केंद्र ने न तो कोई ड्राफ्ट बिल तैयार किया है और न ही अन्य दलों के साथ कोई चर्चा की है।
हैदराबाद : आगामी विधानसभा चुनावों में तेलंगाना में सत्तारूढ़ बीआरएस द्वारा महिलाओं को टिकट आवंटन को लेकर विपक्ष की टिप्पणियों को खारिज करते हुए, विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) के कविता ने बुधवार को कहा कि महिला आरक्षण का मुद्दा उनकी घरेलू समस्या नहीं है, बल्कि यह देश की 70 करोड़ महिलाओं से संबद्ध है। कविता ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कांग्रेस और भाजपा दोनों की आलोचना की तथा कहा कि दोनों दलों ने महिला आरक्षण विधेयक को नजरअंदाज कर दिया है।
अभी तक लोकसभा से नहीं मिली मंजूरी
उन्होंने कहा कि यह विधेयक 2010 में राज्यसभा में पारित हो गया था, लेकिन भाजपा के चुनाव घोषणापत्र में शामिल होने के बावजूद इसे अभी तक लोकसभा से मंजूरी नहीं मिली है। केंद्रीय मंत्री और राज्य भाजपा अध्यक्ष जी किशन रेड्डी ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए टिकटों के वितरण में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण नहीं देने को लेकर मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव नीत बीआरएस को आड़े हाथ लिया था। इस साल मार्च में कविता ने महिला आरक्षण के मुद्दे पर राष्ट्रीय राजधानी में अनशन किया था।
यह देश की 70 करोड़ महिलाओं की समस्या
कविता ने कहा ‘‘मैं हर राजनीतिक दल से अनुरोध करती हूं कि यह मेरी घरेलू समस्या नहीं है। यह महिलाओं की समस्या है। यह देश की 70 करोड़ महिलाओं की समस्या है। हम गर्व से कहते हैं कि महिलाएं अंतरिक्ष में भी जा रही हैं। लेकिन अगर आप हमारी संसद में देखें, तो वहां केवल 4.5 प्रतिशत महिला प्रतिनिधि थीं, और अब 12.5 प्रतिशत हैं। हमने 75 वर्षों में जो उपलब्धि हासिल की है, वह मात्र आठ प्रतिशत का सुधार है।''
महिला आरक्षण पर केंद्र ने अन्य दलों से कोई चर्चा नहीं की
केंद्र की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार और वर्तमान भाजपा सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कविता ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल में केवल एक महिला कैबिनेट मंत्री थी, और वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार में केवल दो महिला सदस्य हैं। उन्होंने जानना चाहा कि क्या देश को इस बात पर खुश होना चाहिए कि कैबिनेट में महिलाओं के प्रतिनिधित्व में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है या इस बात पर नाखुश होना चाहिए कि कैबिनेट में केवल दो महिला सदस्य हैं। राजग सरकार की 'गंभीरता' की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण पर केंद्र ने न तो कोई मसौदा विधेयक तैयार किया है और न ही अन्य दलों के साथ कोई चर्चा की है। उन्होंने कहा, ‘‘लोग यह सब देख रहे हैं। महिलाएं उन्हें सबक सिखाएंगी।’’
वर्तमान में 514 लाख महिला जन प्रतिनिधि
कविता ने कहा कि आजादी के 75 साल बाद, मणिपुर में अब जाकर पहली बार दो महिला विधायक हैं। बीआरएस नेता के अनुसार, संबंधित राज्य सरकारों द्वारा लाए गए कानूनों की बदौलत देश में वर्तमान में 514 लाख महिला जन प्रतिनिधि हैं। उन्होंने दावा किया कि भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में अभी तक महिला आरक्षण पर कोई कानून नहीं बनाया गया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में भाजपा शासित हरियाणा में एक कानून लाया गया है जिसमें 10वीं कक्षा तक की पढ़ाई को चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता तय किया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे कानून चुनावों में सक्रिय रूप से भाग लेने की इच्छुक महिलाओं के लिए बाधक होंगे। कविता ने भरोसा जताया कि केसीआर (के चंद्रशेखर राव) तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह और अन्य नेता दिल्ली में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान एक विशाल धरना देंगे और कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाद्रा तथा केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को आमंत्रित करेंगे। (भाषा)