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तेलंगाना: फोन टैपिंग मामले में दो अपर पुलिस अधीक्षक गिरफ्तार, खुफिया विभाग में कर चुके हैं काम

फोन टैपिंग और आधिकारिक डेटा को नष्ट करने के आरोप में हैदराबाद पुलिस ने दो अपर पुलिस अधीक्षकों को गिरफ्तार किया है। इन अधिकारियों ने पूछताछ के दौरान अपराधों में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है।

telangana - India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO हैदराबाद पुलिस ने दो अपर पुलिस अधीक्षक किए गिरफ्तार

फोन टैपिंग, कुछ कंप्यूटर सिस्टम और आधिकारिक डेटा को नष्ट करने के आरोप में हैदराबाद पुलिस ने दो अपर पुलिस अधीक्षकों को गिरफ्तार किया है। हैदराबाद पुलिस ने शनिवार देर रात एक आधिकारिक विज्ञप्ति जारी कर बताया कि जांच के दौरान, अपर पुलिस उपायुक्त तिरुपथन्ना और अपर पुलिस अधीक्षक एन भुजंग राव को गिरफ्तार किया गया है। दोनों पुलिस अधिकारी पूर्व में क्रमशः विशेष खुफिया ब्यूरो (एसआईबी) और खुफिया विभाग में अपर पुलिस अधीक्षक के रूप में काम कर चुके हैं। दोनों अधिकारियों को अदालत ने रविवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। 

निलंबित डीएसपी से सांठगाठ के आरोप

इसी से जुड़े एक अन्य घटनाक्रम में पुलिस ने पूर्व एसआईबी प्रमुख टी प्रभाकर राव और आयुक्त के कार्यबल(हैदराबाद पुलिस की एक शाखा) के तत्कालीन पुलिस उपायुक्त पी राधाकृष्ण और एक तेलुगु टीवी चैनल के एक वरिष्ठ कार्यकारी के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को बताया कि उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया क्योंकि वे मामले में जांच के लिए उपलब्ध नहीं हुए और कथित तौर पर सहयोग नहीं कर रहे थे, उनके विदेश चले जाने का भी संदेह है। दोनों अपर पुलिस अधीक्षकों पर एसआईबी के निलंबित डीएसपी डी प्रणीत राव के साथ सांठगाठ करने का आरोप है। प्रणीत राव को पहले हैदराबाद पुलिस ने विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से खुफिया जानकारी मिटाने के साथ-साथ पिछली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार के दौरान कथित फोन टैपिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। 

पुलिस अधिकारियों ने स्वीकार किए अपराध

इस विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘‘पूछताछ के दौरान दोनों पुलिस अधिकारियों ने रिपोर्ट किए गए अपराधों में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। इनमें निजी व्यक्तियों की निगरानी करने के लिए उनके अवैध प्रोफाइल बनाने की साजिश रचने, अपने आधिकारिक पदों का दुरुपयोग करने, पहले से ही गिरफ्तार और निलंबित चल रहे डीएसपी डी प्रणीत कुमार उर्फ ​​प्रणीत राव और कुछ अन्य व्यक्तियों के साथ सांठगांठ कर अपनी संलिप्तता को छुपाने के लिए सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करके सबूतों को गायब करने के आरोप शामिल है।’’ अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच चल रही है। 

प्रणीत राव के फंसने के बाद खुला मामला

पुलिस ने पहले बताया था कि 13 मार्च को अज्ञात व्यक्तियों की प्रोफाइल विकसित करने और उन्हें गुप्त रूप से, बिना प्राधिकरण की मंजूरी अवैध रूप से निगरानी करने के अलावा, कुछ कंप्यूटर सिस्टम और आधिकारिक डेटा को नष्ट करने के आरोप में प्रणीत राव को गिरफ्तार किया गया था। प्रणीत राव को हाल ही में तेलंगाना सरकार ने निलंबित कर दिया था। वह पिछली बीआरएस सरकार के दौरान डीएसपी थे और बाद में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के कार्यालय में कार्यरत थे। उन पर पहले विपक्षी दल के नेताओं के फोन टैप करने का आरोप लगे थे। एसआईबी के एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक द्वारा 10 मार्च को दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर पंजागुट्टा पुलिस थाना में प्रणीत राव और अन्य के खिलाफ एक लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात, सबूतों को गायब करने, आपराधिक साजिश और आईपीसी, पीडीपीपी अधिनियम और आईटी अधिनियम-2000 की अन्य धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई। 

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