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तेलंगाना: फोन टैपिंग मामले में पूछताछ के दौरान पूर्व DCP की तबीयत बिगड़ी

पिछले महीने सामने आए फोन टैपिंग मामले ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। इसमें राधा किशन राव को चौथा आरोपी बनाया गया है। किशन राव को 28 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।

radha kishan rao- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO तेलंगाना पुलिस के पूर्व DCP राधा किशन राव

तेलंगाना के पूर्व पुलिस उपायुक्त (DCP) राधा किशन राव से फोन टैपिंग मामले में पूछताछ के दौरान शुक्रवार को अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई। बंजारा हिल्स थाने में पूछताछ के दूसरे दिन पूर्व पुलिस अधिकारी का ब्लड प्रेशर बढ़ गया। इसके बाद पुलिस ने उनकी जांच के लिए डॉक्टर को बुलाया। शहर की एक अदालत ने गुरुवार को किशन राव को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था।

किशन राव, जिन्होंने सेवानिवृत्ति के बाद टास्क फोर्स में विशेष कर्तव्य अधिकारी (OSD) के रूप में काम किया था, से लोगों की अवैध निगरानी और इससे संबंधित सबूतों को गायब करने में उनकी कथित संलिप्तता के बारे में पूछताछ की जा रही है। उन पर नवंबर 2023 के विधानसभा चुनावों के दौरान भारत राष्ट्र समिति (BRS) के इशारे पर नकदी के अवैध परिवहन की सुविधा प्रदान करने का भी आरोप है।

28 मार्च को गिरफ्तार हुए थे किशन राव

पिछले महीने सामने आए इस मामले ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। इसमें राधा किशन राव को चौथा आरोपी बनाया गया है। किशन राव को 28 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। अगले दिन, नामपल्ली अदालत ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

प्रभाकर राव की देखरेख में था फोन टैपिंग ऑपरेशन!

विधानसभा चुनाव में BRS की हार के बाद उन्होंने कथित तौर पर 50 हार्ड डिस्क को नष्ट कर डेटा मिटा दिया था। SIT द्वारा प्रणीत राव से पूछताछ के दौरान मामले में कथित रूप से शामिल अन्य अधिकारियों के नाम सामने आए। प्रणीत राव से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने पूर्व विशेष खुफिया ब्यूरो (SIB) प्रमुख प्रभाकर राव सहित अन्य अधिकारियों के परिसरों की तलाशी ली, जो कथित तौर पर फोन टैपिंग के पूरे ऑपरेशन को देख रहे थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के करीबी माने जाने वाले प्रभाकर राव ने कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आने के बाद एसआईबी प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था।

प्रभाकर राव के लिए लुकआउट नोटिस जारी

पुलिस ने प्रभाकर राव के लिए लुकआउट नोटिस जारी किया है, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह विदेश में है। रिमांड रिपोर्ट के अनुसार, एसओटी द्वारा राधा किशन राव के साथ जानकारी साझा करने के बाद टास्क फोर्स ने दिसंबर 2018 के चुनावों के दौरान सेरिलिंगमपल्ली निर्वाचन क्षेत्र से टीडीपी उम्मीदवार आनंद प्रसाद के पास के 70 लाख रुपये जब्त किए। प्रणीत के इनपुट पर टीम ने 2020 दुब्बाका उपचुनाव के दौरान एक करोड़ रुपये भी जब्त किए थे। यह पैसा सिद्दीपेट की एक चिटफंड कंपनी का था, जो भाजपा उम्मीदवार एम. रघुनंदन राव के रिश्तेदारों और सहयोगियों से जुड़ी थी। इसी तरह अक्टूबर 2022 में मुनुगोडे उपचुनाव के दौरान भाजपा उम्मीदवार कोमाटिरेड्डी राजा गोपाल रेड्डी के 3.5 करोड़ रुपये पकड़े गए और जब्त कर लिए गए।

दो अन्य पुलिस अधिकारियों, एन. भुजंगा राव और एम. तिरुपतन्ना को मंगलवार को 6 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। मंगलवार को उनकी पांच दिन की पुलिस हिरासत समाप्त होने के बाद दोनों अधिकारियों को अदालत में पेश किया गया। भूपालपल्ली जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भुजंगा राव और हैदराबाद सिटी पुलिस के सिटी सिक्योरिटी विंग के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त तिरुपथन्ना को 23 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। वे पहले एसआईबी में काम कर चुके थे। (IANS)