गरीबी दूर करने के लिए अमेरिका में नौकरी कर रहा था बेटा, वहीं हो गई मौत तो परिवार के पास शव लाने के भी पैसे नहीं
राजेश की मौत 14 अगस्त को हो गई थी, लेकिन अब तक उसका शव भारत नहीं आया है। उसके माता-पिता सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
तेलंगाना का एक युवक अपने घर की गरीबी दूर करने के लिए अमेरिका नौकरी करने गया था। वह अपने परिवार की गरीबी दूर कर पाता इससे पहले ही उसकी मौत हो गई। अब युवक का परिवार उसका अंतिम संस्कार भी नहीं कर पा रहा है। युवक का शव अमेरिका में है और उसे लाने के लिए परिवार के पास पैसे नहीं हैं। ऐसे में उसके माता-पिता मदद की आस लगाए बैठे हैं।
तेलंगाना के हनमकोंडा जिले के 32 वर्षीय राकेश की अमेरिका में मौत हो गई है। उसके परिवार के सदस्यों ने शनिवार को यह जानकारी दी। मृतक के परिवार ने केंद्र और तेलंगाना सरकार से उसके शव को वापस घर लाने में मदद करने का अनुरोध किया। आत्मकुर मंडल निवासी राजेश की अमेरिका के मिसिसिपी में मृत्यु हो गई। अमेरिका में रहने वाले उनके कुछ मित्रों ने गुरुवार को राकेश के परिवार को यह जानकारी दी।
दोस्तों ने दी जानकारी
मित्रों ने परिजनों को बताया कि राजेश की मृत्यु 14 अगस्त को हुई। हालांकि, परिजन मृत्यु के बारे में स्पष्टता का इंतजार कर रहे हैं। राजेश की मां और परिवार के अन्य सदस्य उनकी मौत की खबर सुनकर गमगीन हैं। परिवार के सदस्यों ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमें फोन पर राजेश की मौत की सूचना मिली और शव ले जाने को कहा गया। हम केंद्र और राज्य सरकार से राजेश का शव वापस लाने में मदद करने का अनुरोध करते हैं।’’
2016 में अमेरिका गए थे राजेश
राजेश के चाचा बिक्षापति ने कहा कि राजेश का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है और वे अमेरिका जाने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने राजेश के शव को उसके पैतृक स्थान पर लाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार से मदद का अनुरोध किया। उनके चाचा ने बताया कि हनमकोंडा से एम फार्मा की पढ़ाई पूरी करने के बाद राजेश उच्च शिक्षा के लिए 2016 में अमेरिका चले गए थे। जहां उन्होंने एमएस किया और वहीं नौकरी भी की, लेकिन बाद में कोरोना महामारी के दौरान उनकी नौकरी चली गई। (इनपुट- पीटीआई भाषा)
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