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Hindi News तेलंगाना हारकर भी जीत गई यह महिला विधायक, भाजपा के पाले में आई सीट, बीआरएस विधायक अयोग्य घोषित

हारकर भी जीत गई यह महिला विधायक, भाजपा के पाले में आई सीट, बीआरएस विधायक अयोग्य घोषित

बीआरएस विधायक बी. कृष्ण रेड्डी को तेलंगाना हाईकोर्ट ने अयोग्य घोषित कर दिया है। साथ ही इस सीट पर चुनाव हार चुकी उम्मीदवार डीके अरुणा को निर्वाचित कर दिया है।

Telangana High court declared BRS MLA disqualified this seat came in BJP's share- India TV Hindi Image Source : FACEBOOK बी कृष्णा मोहन रेड्डी और डीके अरुणा

तेलंगाना उच्च न्यायालय ने बीआरएस के एक और विधायक को अयोग्य घोषित कर दिया है। उच्च न्यायालय ने गडवाल विधानसभा क्षेत्र से भारत राष्ट्र समिति यानी बीआरएस के विधायक बी कृष्णा मोहन रेड्डी के निर्वाचन को अयोग्य घोषित कर दिया है। बीआरएस विधायक पर चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे में संपत्ति संबंधित जानकारी छिपाने का आरोप है जिसकी सुनवाई के बाद कोर्ट ने इसे सही पाया और विधायक को अयोग्य घोषित कर दिया। 

बीआरएस विधायक को उच्च न्यायालय ने किया अयोग्य घोषित

बता दें कि बीआरएस विधायक बी कृष्ण मोहन रेड्डी साल 2018 में गडवाल सीट से विधानसभा चुनाव जीते थे। उच्च न्यायालय ने रेड्डी को अयोग्य घोषित कर दिया और उनसे पराजित हुईं प्रतिद्वंद्वी डी के अरुणा को निर्वाचित विधायक घोषित कर दिया। अरुणा ने तब कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन अब वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ हैं। उच्च न्यायालय ने आज अरुणा की चुनाव याचिका को स्वीकार कर लिया। इस याचिका में अरुणा ने कहा था कि रेड्डी ने चुनावी हलफनामे में अपनी संपत्ति और अपने तथा अपनी पत्नी के नाम के बैंक खातों के विवरण के बारे में जानकारी नहीं दी थी। 

भाजपा के पाले में आई तेलंगाना की सीट

अरुणा के वकील ने कहा कि उच्च न्यायालय ने रेड्डी पर 2.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और चुनाव याचिका पर 50,000 रुपये का जुर्माना अलग से लगाया है। संपर्क करने पर, रेड्डी ने दावा किया कि उन्हें (उच्च न्यायालय के) आदेश के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि वह इसके खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करेंगे। इससे पहले 25 जुलाई को, उच्च न्यायालय ने अचल संपत्ति की जानकारी छुपाने को लेकर कोठागुडेम विधानसभा क्षेत्र से सत्तारूढ़ बीआरएस के विधायक वी।वेंकटेश्वर राव के चुनाव को रद्द कर दिया था। इसके बाद उन्होंने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जिसने उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी। 

(इनपुट-भाषा)