तेलंगाना की पूर्व राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन बुधवार को भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के. अन्नामलाई की मौजूदगी में फिर से पार्टी में शामिल हो गईं। राज्यपाल का पद छोड़कर भाजपा में शामिल होने पर सौंदरराजन को वाम दलों और द्रमुक की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
पद छोड़कर फिर से राजनीति में आने पर क्या बोले अन्नामलाई?
इस संबंध में अन्नामलाई ने कहा कि ऊंचे पदों पर बैठे लोगों का पद छोड़कर फिर से आम नागरिक के रूप में जनता की सेवा शुरू करना केवल भाजपा में संभव है। उन्होंने कहा कि भाजपा के अलावा किसी राजनीतिक दल से जुड़ा व्यक्ति ऊंचा पद नहीं छोड़ेगा और उनके लिए राजनीति उच्च पदों पर आसीन होने का ही जरिया है। अन्नामलाई ने कहा कि सौंदरराजन ने राज्यपाल के रूप में बहुत अच्छी तरह काम किया और पद छोड़कर फिर से राजनीति में आना जनता के प्रति उनके प्रेम को दर्शाता है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि उनका फिर से भाजपा में शामिल होना पार्टी के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है; उनका दृढ़ संकल्प है कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार तीसरी बार सत्ता संभालेंगे तो उनके हाथों को मजबूत करने में भी योगदान दिया जाए।
चुनाव लड़ने की अटकलें
कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि तमिलिसाई सुंदरराजन इस बार भाजपा के टिकट पर तमिलनाडु से चुनाव लड़ सकती हैं। बताया जा रहा है कि भाजपा उन्हें डीएमके नेता कनिमोझी के खिलाफ भी उतार सकती है।
जानिए तमिलिसाई सौंदरराजन के बारे में
63 साल की सुंदरराजन पेशे से डॉक्टर हैं। वह स्त्रीरोग विशेषज्ञ हैं और दो दशक से भी पहले भाजपा में शामिल हुई थीं। उनका जन्म दो जून 1961 में तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले में हुआ था। तमिलिसाई सौंदरराजन ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत मद्रास मेडिकल कॉलेज में बतौर छात्र नेता के रूप में की थी। उन्होंने 2019 में भाजपा से इस्तीफा देकर तेलंगाना की राज्यपाल के रूप में कामकाज संभाला था। उन्हें 2021 में पुडुचेरी की उप राज्यपाल नियुक्त किया गया था। (भाषा)