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Hindi News तेलंगाना राहुल गांधी का जाति जनगणना पर बड़ा बयान, 'देश में 50 फीसदी आरक्षण की लिमिट को खत्म कर देंगे'

राहुल गांधी का जाति जनगणना पर बड़ा बयान, 'देश में 50 फीसदी आरक्षण की लिमिट को खत्म कर देंगे'

राहुल गांधी ने जाति जनगणना पर एक कार्यक्रम को संबोधित पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पीएम यह पूछने से क्यों डरते हैं कि कॉर्पोरेट्स, न्यायपालिका, मीडिया में कितने दलित, ओबीसी और आदिवासी हैं।

लोकसभा में नेता...- India TV Hindi Image Source : X@INCINDIA लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी

हैदराबाद: तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में जाति जनगणना पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मैं अभी भी सोच रहा हूं कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक रूप से यह क्यों नहीं कहा कि वह भारतीय समाज में भेदभाव के विचार को चुनौती देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह जानना चाहते हैं कि भारत के बोर्डरूम में कितने दलित हैं? न्यायिक प्रणाली में कितने ओबीसी हैं? वह ये सवाल पूछने से क्यों डरते हैं? मैंने संसद में कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रतिबद्धता जताई थी कि हम एक राष्ट्रीय जाति जनगणना करेंगे और हम 50% आरक्षण की बाधा को खत्म कर देंगे।

तेलंगाना में कल से शुरू होगी जाति जनगणना

राहुल गांधी ने कहा कि मेरे लिए, तेलंगाना राष्ट्रीय जाति जनगणना का मॉडल है। हम नौकरशाही मामले की जनगणना नहीं चाहते हैं। हम चाहते हैं कि भारत के लोग पूछें और तय करें कि जाति जनगणना में क्या प्रश्न पूछे जाने हैं। उन्होंने कहा कि तेलंगाना कर्नाटक के बाद जाति जनगणना कराने वाला दूसरा कांग्रेस शासित राज्य बन रहा है। राज्य सरकार द्वारा जाति सर्वेक्षण 6 नवंबर से शुरू किया जाएगा और यह महीने के अंत तक जारी रहेगा। 

जाति गणना के पक्ष में है कांग्रेस

कांग्रेस ने जाति सर्वेक्षण कराने का संकल्प लिया है ताकि यह पता चल सके कि भारत के गरीब कौन हैं और उनकी आबादी कितने प्रतिशत है। पार्टी का कहना है कि इससे आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को हटाने में मदद मिलेगी। इस साल की शुरुआत में गांधी ने कहा था कि सरकार में आने पर  सभी को सही आरक्षण, अधिकार और हिस्सेदारी प्रदान करेंगे।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि वह तेलंगाना में जाति जनगणना सुनिश्चित करने और देश में जाति जनगणना के लिए राज्य को एक मॉडल के रूप में पेश करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उन्हें आश्चर्य है कि प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक रूप से यह क्यों नहीं कहा कि वह भारत में भेदभाव के विचार को चुनौती देना चाहते हैं।