तेलंगाना में करीमनगर जिले के रहने वाले मोहम्मद शहजाद खान, जिनकी उम्र मात्र 27 साल थी, उनकी सऊदी अरब के रुब-अल खाली रेगिस्तान में फंसने के कारण मौत हो गई। मोहम्मद शहजाद खान पिछले तीन साल से सऊदी अरब में रहते थे और एक टेलीकम्युनिकेशंस कंपनी में नौकरी करते थे। बताया जाता है कि खान एक सेल्यूलर नेटवर्क को ठीक करने के लिए अपने एक सहयोगी, जो कि सूडानी नागरिक था उसके साथ 19 अगस्त को उस रेगिस्तानी एरिया में गए थे और वहां रास्ता भटक गए थे। इस कारण उनकी मौत हो गई।
भूख-प्यास से तड़पकर मर गए मोहम्मद और सहयोगी
दरअसल जीपीएस सिग्नल फेल होने के कारण शहजाद और उनका सहयोगी रेगिस्तान में भटक गए थे। उनकी फोन की बैटरी भी खत्म हो गई जिसके कारण वे मदद के लिए किसी को कॉल नहीं कर सके। नकी गाड़ी में फ्यूल खत्म हो गया और वो एक निर्जन, खतरनाक रेगिस्तान में फंस गए। उस रेगिस्तान में में तापमान बेतहाशा तरीके से बढ़ जाता है। उस गर्मी, उमस में वो इधर-उधर भटकते रहे और भूख-प्यास से तड़पकर मर गए। उनके लापता होने के बाद उनकी डेड बॉडी मिली।
तेलंगाना टुडे की न्यूज के मुताबिक उनकी बॉडीज जिस अवस्था में मिलीं उनको देखकर ऐसा लग रहा था कि उन्होंने अंतिम समय में जिंदा रहने की उम्मीद छोड़ दी थी और प्रार्थना कर रहे थे।
क्या है रुब-अल खाली रेगिस्तान
सऊदी अरब का ये रेगिस्तान दुनिया के सबसे खतरनाक में से एक है, जो कि निर्जन है और यहां दिन का तापमान 55 डिग्री तक चला जाता है। ये रेगिस्तान 6,50,000 वर्ग किमी में फैला है और दुनिया का सबसे बड़ा रेत का रेगिस्तान है, जबकि आमतौर पर रेगिस्तान में रेत, पहाड़ और पत्थर भी होते हैं। सऊदी अरब के दक्षिणी हिस्से से लेकर ये कई मुल्कों तक फैला हुआ है। अरबी प्रायद्वीप का लगभग दक्षिणी एक-तिहाई इलाका इसमें शुमार है।