हैदराबादः छत्तीसगढ़ में चरमपंथी अपराधों में कथित रूप से शामिल एक माओवादी जोड़े ने बृहस्पतिवार को तेलंगाना के मुलुगु जिले में पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस ने यह जानकारी दी। प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) (सीपीआई-एम) की दूसरी केंद्रीय पुनर्गठन समिति (सीआरसी) के अनुभाग कमांडर के रूप में कार्यरत एन.भीमा उर्फ संजू और दूसरी सीआरसी में क्षेत्रीय समिति सदस्य (एसीएम) में कार्यरत उनकी पत्नी मुचाकी डुल्डो उर्फ सोनी ने मुलुगु जिला पुलिस अधीक्षक पी.शबरीश के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
दो-दो लाख रुपये का इनाम था
उन्होंने यह कदम मुख्यधारा में शामिल होने और सामान्य जीवन जीने के लिए उठाया। पुलिस ने बताया कि दोनों की उम्र 24-26 वर्ष के बीच है और इनपर दो-दो लाख रुपये का इनाम था। पुलिस के अनुसार, यह जोड़ा बीजापुर जिले के एल्मिडी पुलिस थाना क्षेत्र में बेचिराकुमाडुगु में हुई गोलीबारी, जिले के बासागुडा पुलिस थाना क्षेत्र में फरवरी 2022 में तिम्मापुर-पुटकेल हमला, जगुरुगोंडा क्षेत्र में कुंडेड-जगुरुगोंडा हमला और अप्रैल 2021 में टेरम जैसे अपराधों में शामिल था, जिसमें कई पुलिसकर्मी मारे गए थे।
सामान्य जीवन जीने के लिए किया सरेंडर
आत्मसमर्पण को लेकर मुलुगु जिला पुलिस ने कहा कि उन्होंने सामान्य जीवन जीने के लिए सीपीआई (माओवादी) छोड़ने का फैसला किया, क्योंकि उन्हें अपनी विचारधारा के खिलाफ पार्टी में चल रहा भेदभाव पसंद नहीं था। पुलिस ने बताया कि जोड़े ने शीर्ष माओवादी नेताओं द्वारा महिला कैडर सदस्यों का यौन उत्पीड़न करने, निचले कैडरों के साथ भोजन उपलब्ध कराने में भेदभाव करने, उनसे वरिष्ठ नेताओं के कपड़े धुलवाने और बैग उठवाने के आरोप लगाये।
सरकार की आत्मसमर्पण नीति का मिलेगा लाभ
पुलिस ने सीपीआई (माओवादी) के उन सभी यूजी कैडरों से सरकार की आत्मसमर्पण-सह-पुनर्वास नीति का लाभ उठाने और शांतिपूर्ण जीवन जीने के लिए समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए कहा है, जिनका पार्टी विचारधारा से मोहभंग हो गया है।
(इनपुट-भाषा)