हैदराबाद: चुनाव आयोग ने हैदराबाद जिले की मतदाता सूची से 5.41 लाख मतदाताओं के नाम हटा दिए हैं। जिले में 15 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। सूची से मतदाताओं के नाम हटाने का कारण उनकी मौत होना, निवास बदलना और दो बार नाम दर्ज होना है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बुधवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि हैदराबाद जिले में चुनाव मशीनरी मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय किए जा रहे हैं।
5,41,201 मतदाताओं के नाम लिस्ट से कटे
जनवरी 2023 से हैदराबाद जिले के 15 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 47,141 मृत मतदाता, 4,39,801 "स्थानांतरित मतदाता" और 54,259 नामों के दोहराव वाले मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं। विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों का पालन करते हुए कुल 5,41,201 मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए गए हैं।
माधवी लता का दावा- छह लाख से अधिक फर्जी मतदाता
हैदराबाद जिले के 15 विधानसभा क्षेत्र हैदराबाद और सिकंदराबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों का हिस्सा हैं। हैदराबाद लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार के माधवी लता ने पहले दावा किया था कि निर्वाचन क्षेत्र में छह लाख से अधिक फर्जी मतदाता हैं। माधवी ने आरोप लगाया था कि ओवैसी फर्जी वोट से चुनाव जीतते हैं।
17 मई को होगी वोटिंग
हैदराबाद जिले में कुल 1,81,405 ऐसे मतदाताओं की पहचान की गई है जिनके मकान नंबर में सुधार किया गया है। जिले में कुल 3,78,713 सुधार किए गए ताकि एक परिवार में विभाजित मतदाताओं को एक मतदान केंद्र पर लाया जा सके। बता दें कि तेलंगाना में एक ही चरण में 17 मई को वोटिंग होगी। राज्य में 17 लोकसभा सीटें हैं। हैदराबाद में भी 17 मई को ही वोट डाले जाएंगे।
ओवैसी और माधवी लता में मुख्य मुकाबला
यहां पर असदुद्दीन ओवैसी और बीजेपी की माधवी लता के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा है। साल 2019 में ओवैसी ने बीजेपी उम्मीदवार को दो लाख 82 हजार 186 वोटों से हराया था। यहां पर दूसरे नंबर पर बीजेपी थी। साल 2014 में ओवैसी 282186 वोट से जीते थे।
इनपुट- भाषा