हैदराबाद: तेलंगाना सरकार ने कालेश्वरम प्रोजेक्ट में 'अनियमितताओं' की न्यायिक जांच का ऐलान कर दिया है। ये जांच को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में की जाएगी। इसके लिए पूर्व न्यायाधीश के नाम पर भी विचार कर लिया गया है। इसकी जानकारी देते तेलंगाना सरकार ने मंगलवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और पूर्व लोकपाल न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष राज्य में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान कालेश्वरम परियोजना में हुईं कथित अनियमितताओं की न्यायिक जांच का नेतृत्व करेंगे।
100 दिनों के भीतर पूरी होगी जांच
मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की एक बैठक के बाद जानकारी देते हुए राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री पी.श्रीनिवास रेड्डी ने कहा कि जांच की अवधि 100 दिन होगी। सेवानिवृत्त न्यायाधीश एल.नरसिंह रेड्डी भद्राद्री और यदाद्री बिजली परियोजनाओं के संबंध में कथित अनियमितताओं की जांच का नेतृत्व करेंगे।
16 निगम बनाने का फैसला
इस बीच, कैबिनेट ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) के मुदिराज, यादव कुर्मा, मुन्नुरुकापु, पद्मासाली, गंगापुत्र और लिंगायत बलिजा समेत विभिन्न समूहों के लिए 16 निगम बनाने का फैसला लिया। मंत्रिमंडल ने अन्य जातियों के बीच आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों की भलाई के सिलसिले में रेड्डी, वैश्य और अन्य जातियों के लिए निगम बनाने का भी फैसला लिया।
(इनपुट- पीटीआई)
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