लोकसभा चुनाव 2024 | हैदराबाद में असदुद्दीन ओवैसी, माधवी लता और मोहम्मद वलीउल्लाह समीर में कड़ी टक्कर
हैदराबाद की लोकसभा सीट पर इस बार जबरदस्त टक्कर देखने को मिल सकती है क्योंकि असदुद्दीन ओवैसी से मुकाबले के लिए इस बार बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस ने भी मजबूत प्रत्याशी उतारा है।
Lok Sabha Elections 2024: हैदराबाद की लोकसभा सीट इन चुनावों में सबसे हॉट सीट्स में बनी हुई है। दरअसल, बीजेपी की तरफ से माधवी लता की एंट्री ने इस सीट की सियासी गर्मी में इजाफा कर दिया है। वहीं, कांग्रेस ने मोहम्मद वलीउल्लाह समीर को उतारकर ओवैसी के लिए चुनौती पैदा कर दी है। बता दें कि तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनावों में इस बार कांग्रेस ने ही परचम लहराया था, ऐसे में सूबे की राजधानी हैदराबाद की सीट पर उसे फायदा हो सकता है। हालांकि चुनावों में ऊंट किस करवट बैठेगा, इसका पता तो 4 जून को मतगणना के समय ही चलेगा। बता दें कि हैदराबाद समेत पूरे तेलंगाना में 13 मई को मतदान होना है।
हैदराबाद सीट पर रहा है औवैसी परिवार का दबदबा
हैदराबाद की लोकसभा सीट पर पिछले 40 सालों से ओवैसी परिवार का ही दबदबा रहा है। AIMIM सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी 2004 से लगातार इस सीट से सांसद हैं। उनसे पहले उनके पिता सुल्तान सलाहुद्दीन ओवैसी 1984 से 2004 तक हैदराबाद के सांसद रहे। सलाहुद्दीन ओवैसी इस सीट से 1984 में बतौर निर्दलीय उम्मीदवार निर्वाचित हुए थे और 1989 के चुनाव में वह अपनी पार्टी AIMIM के बैनर तले लड़े थे। असदुद्दीन ओवैसी ने इस सीट पर 2004 से ही बड़े अंतर से अपने प्रतिद्वंदियों को मात देते आए हैं।
हैदराबाद के गढ़ को बरकरार रखना चाहेंगे ओवैसी
AIMIM सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी हैदराबाद की सीट से एक बार फिर बड़ी जीत दर्ज करना चाहेंगे, लेकिन उनके सामने माधवी लता के रूप में एक बड़ी चुनौती भी है। वैसे देखा जाए तो 2014 के चुनावों में जहां ओवैसी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को करीब 2 लाख मतों के अंतर से हराया था वहीं 2019 में यह अंतर बढ़कर 2.8 लाख मतों तक पहुंच गया था। अब देखना है कि इस बार भी 2004 से चली आ रही जीत की परिपाटी को कायम रख पाते हैं या माधवी लता और मोहम्मद वलीउल्लाह उनके विजय रथ को रोक पाने में कामयाब होते हैं।
ओवैसी के किले को ध्वस्त करना चाहेंगी माधवी लता
बीजेपी उम्मीदवार माधवी लता की बात करें तो उन्होंने हैदराबाद के गरीब तबके के बीच एक समाजसेविका के रूप में अपनी पहचान बनाई है। वह विरिंची हॉस्पिटल की चेयरपर्सन हैं और सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय रहती हैं। हिंदुत्व के लिए अक्सर मुखर दिखाई देने वाली माधवी लता ने हैदराबाद की लोकसभा सीट पर 6 लाख बोगस वोटों का आरोप लगाया था। बाद में चुनाव आयोग ने हैदराबाद की मतदाता सूची से 5.41 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम हटा दिए थे। अब देखना है कि इन चुनावों में माधवी लता हैदराबाद का किला भेद पाती हैं या नहीं।
कांग्रेस का परचम लहराने की कोशिश करेंगे वलीउल्लाह
कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद वलीउल्लाह समीर की एंट्री ने हैदराबाद की लड़ाई को और ज्यादा दिलचस्प बना दिया है। समीर मौजूदा समय में कांग्रेस की हैदराबाद जिला समिति के अध्यक्ष हैं। बता दें कि तेलंगाना के विधानसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन करने के बाद कांग्रेस का जोश उफान पर है और वह सूबे की राजधानी की लोकसभा सीट को जीतने के लिए पूरा जोर लगा रही है। अब यह तो 4 जून को ही पता चल पाएगा कि मोहम्मद वलीउल्लाह समीर अपनी पार्टी की उम्मीदों पर खरे उतरते हैं या फिर बाजी किसी और के हाथ जाती है।
इतनी अहम क्यों है हैदराबाद की लोकसभा सीट?
असदुद्दीन औवैसी की पार्टी के लिए हैदराबाद की लोकसभा सीट एक तरह से लाइफलाइन है और वह इसे किसी भी कीमत पर गंवाना नहीं चाहेंगे। असदुद्दीन औवैसी लोकसभा में पार्टी की आवाज हैं और देश के बड़े मुस्लिम नेताओं में शुमार होते हैं। वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही इस सीट पर ओवैसी के वर्चस्व को तोड़ने की कोशिश करेंगे। यदि कोई नेता इस सीट पर असदुद्दीन ओवैसी को मात देने में कामयाब हो जाता है तो अपनी पार्टी में उसके कद में बढ़ोत्तरी होनी तय है।