हैदराबाद और तेलंगाना के विभिन्न हिस्सों में नौ दिवसीय गणेश चतुर्थी उत्सव के समापन के साथ ही मंगलवार को भगवान गणेश की हजारों मूर्तियों का विसर्जन शुरू हुआ। इस वर्ष शहर में पूजा के लिए अनुमानित एक लाख मूर्तियां स्थापित की गईं। तेलंगाना सरकार ने मूर्तियों के विसर्जन के लिए व्यापक प्रबंध किए हैं। तेलंगाना की राजधानी में गणेश चतुर्थी के दौरान आकर्षण का प्रमुख केंद्र रही यहां खैरताबाद स्थित प्रसिद्ध पंडाल की 70 फुट ऊंची गणेश मूर्ति की ‘शोभा यात्रा’ भी मंगलवार सुबह शुरू हुई और दोपहर तक हुसैन सागर झील में विशाल मूर्ति का विसर्जन किया जाएगा।
प्रसाद में चढ़े लड्डुओं की नीलामी
उत्सव में आकर्षण का एक और केंद्र पंडालों में ‘प्रसाद’ के रूप में चढ़ाए जाने वाले लड्डुओं की नीलामी है। ऐसा माना जाता है कि नीलामी में लड्डू खरीदने वाले को समृद्धि मिलती है। खबरों के अनुसार, बंदलागुडा जागीर के एक पंडाल में लड्डू ‘प्रसाद’ की नीलामी 1.87 करोड़ रुपये में हुई। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने सोमवार को पुलिस सहित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विसर्जन की व्यवस्था की समीक्षा की और निर्देश दिया कि हुसैन सागर झील के टैंक बंड और अन्य जल निकायों पर विशेष निगरानी रखी जाए।
733 कैमरों से रखी जाएगी विसर्जन की निगरानी
बैठक में पुलिस अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) की सीमा में विसर्जन के दौरान 733 सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी जाएगी। जीएचएमसी आयुक्त आम्रपाली काटा ने कहा कि विसर्जन कार्यक्रम के लिए सफाई, इंजीनियरिंग और अन्य सहित कुल 15 हजार कर्मचारी 24 घंटे तीन पालियों में कार्य करेंगे। विसर्जन के लिए 468 क्रेन पहले ही स्थापित कर दी गई हैं। गणेश उत्सव की सुरक्षा व्यवस्था के तहत लगभग 25,000 पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाएग। हैदराबाद यातायात पुलिस ने मूर्तियों के ‘विसर्जन’ के दौरान यातायात प्रतिबंध लगाए हैं। यह प्रतिबंध 24 घंटे तक रहने की संभावना है।
(इनपुट-भाषा)