हैदराबाद: तेलंगाना में इस वर्ष प्रकाशित हुई तेलुगु की किताबों में के. चंद्रशेखर राव (KCR) को मुख्यमंत्री के तौर पर संदर्भित करने वाली प्रस्तावना को छाप दिया गया। इससे तेलंगाना की कांग्रेस सरकार को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। बता दें कि राज्य में गर्मियों की छुट्टियों के बाद 12 जून को फिर स्कूल खुले। इसके बाद कक्षा एक से 10वीं तक के छात्रों को किताबें वितरित की गईं। इन किताबों में केसीआर को मुख्यमंत्री के तौर पर संदर्भित करने वाली पुरानी प्रस्तावना छपी थी।
अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग
सूत्रों ने शुक्रवार को दावा किया कि अधिकारियों ने शुरू में पाठ्यपुस्तकों को वापस करने की मांग की थी, लेकिन अब उन्होंने सुझाव दिया है कि प्रस्तावना वाले पन्ने को कवर पन्ने के पीछे चिपका दिया जाए, जिससे पिछली सरकार का संदर्भ छिप जाए। शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि छात्रों को विशेष पाठ्यपुस्तक वितरित नहीं की गई क्योंकि उसमें कुछ सुधार किए जाने हैं। हालांकि उन्होंने इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी। वहीं 'तेलंगाना स्टेट यूनाइटेड टीचर्स फेडरेशन' ने शुक्रवार को राज्य सरकार से मामले की जांच कराने और इस गलती के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
बीआरएस ने किया हमला
फेडरेशन के महासचिव चावा रवि ने आरोप लगाया कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) के अधिकारियों की लापरवाही के कारण तेलुगु पाठ्यपुस्तकों में यह गलती हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार को मामले की जांच कर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। वहीं विपक्षी भारत राष्ट्र समिति (BRS) ने गुरुवार को कांग्रेस सरकार पर सरकारी स्कूल के छात्रों को वितरित की जाने वाली पाठ्यपुस्तकों को वापस लेने का आरोप लगाया क्योंकि पुस्तकों की प्रस्तावना में केसीआर का नाम लिखा था। बीआरएस विधायक और पूर्व शिक्षा मंत्री पी सबिता इंद्र रेड्डी ने सवाल किया कि क्या किताबों को वापस लेना, पन्नों को फाड़ना या उस पर दूसरा पृष्ठ चिपका देना सही था? (इनपुट- भाषा)
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