पत्रकार पर हमले के आरोप में एक्टर मोहन बाबू पर FIR, बेटे से संपत्ति का विवाद
मोहन बाबू के खिलाफ पत्रकार पर हमला करने का आरोप है। पत्रकार का आरोप है कि मोहन बाबू ने उनका माइक्रोफोन छीन लिया, अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया और उन पर शारीरिक हमला किया।
दिग्गज तेलुगू अभिनेता मोहन बाबू के खिलाफ एक पत्रकार पर हमले का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बुधवार को जानकारी दी कि मोहन बाबू और उनके दोनों बेटों विष्णु एवं मनोज के खिलाफ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 126 के तहत संभावित रूप से शांति भंग होने को लेकर 11 दिसंबर को रचकोंडा पुलिस आयुक्त के समक्ष उपस्थित होने के लिए नोटिस जारी किया गया, जिसके बाद मनोज पुलिस आयुक्त के समक्ष पेश हुए। इस मामले में आरोप है कि मोहन बाबू ने एक वीडियो पत्रकार पर हमला किया, जब वह उनके परिवार के विवाद को कवर करने के लिए उनके आवास पर पहुंचे थे।
मोहन बाबू पर पत्रकार का आरोप
पत्रकार के अनुसार, 10 दिसंबर को उजलपल्ली स्थित मोहन बाबू के घर पहुंचे जब उन्होंने अभिनेता और उनके छोटे बेटे मनोज के बीच विवाद को कवर करने की कोशिश की, तो अभिनेता ने उन पर हमला कर दिया। पत्रकार का आरोप है कि मोहन बाबू ने उनका माइक्रोफोन छीन लिया, अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया और उन पर शारीरिक हमला किया, जिससे पत्रकार के सिर में चोट आई। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने पहाड़ीशरीफ थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 118 (1) के तहत मामला दर्ज किया है।
मोहन बाबू से माफी की मांग
इस घटना की निंदा करते हुए मीडियाकर्मियों ने बुधवार को विरोध प्रदर्शन किया और मोहन बाबू से माफी की मांग की। वहीं, मोहन बाबू के बड़े बेटे विष्णु ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह पारिवारिक मुद्दों पर टिप्पणी नहीं करेंगे और उम्मीद जताई कि मामला शांति से हल हो जाएगा। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया और कहा कि यह जानबूझकर नहीं हुआ।
मनोज ने भी पत्रकारों से माफी मांगी और कहा कि यह घटना उनके पिता और बड़े भाई की ओर से नहीं की गई थी। उन्होंने मीडिया से आग्रह किया कि वे इसे सनसनीखेज न बनाएं। इस बीच, मोहन बाबू को स्वास्थ्य समस्या के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
एक्टर के परिवार के भीतर मतभेद
मोहन बाबू के परिवार के भीतर मतभेद 9 दिसंबर को तब सार्वजनिक हो गए जब पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई कि मनोज और उनकी पत्नी ने उनके घर पर कब्जा करने की योजना बनाई है। हालांकि, मनोज ने स्पष्ट किया कि उनका यह संघर्ष संपत्ति को लेकर नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और अपनी पत्नी एवं बच्चों की सुरक्षा के लिए था। उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले ही अपने परिवार के लिए पुलिस सुरक्षा की मांग की थी। (भाषा)
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