हैदराबादः तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को 2,188 चुनावी बॉण्ड के जरिये 1,322 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं और लगभग आधी राशि (661 करोड़ रुपये) 11 अक्टूबर, 2018 से 30 सितंबर, 2023 तक चार अलग-अलग दिन में भुनाई गई थी। बीआरएस द्वारा निर्वाचन आयोग को सौंपे गए आंकड़ों के अनुसार पार्टी को 13 जुलाई, 2023 को 218 करोड़ रुपये, 12 अप्रैल, 2022 को 268 करोड़ रुपये, आठ अक्टूबर, 2021 को 85 करोड़ रुपये और 11 अप्रैल, 2022 को 90 करोड़ रुपये मिले।
बीआरएस ने दी थी ये जानकारी
निर्वाचन आयोग के एक सवाल के जवाब में बीआरएस ने 14 नवंबर, 2023 को निर्वाचन आयोग को अपना जवाब सौंप दिया था। उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार, निर्वाचन आयोग ने 30 सितंबर, 2023 तक सभी दलों से प्राप्त चुनावी बॉण्ड का विवरण मांगा है। पार्टी ने कहा कि 11 अक्टूबर, 2018 से 30 सितंबर, 2023 तक हमारी पार्टी के एसबीआई खाते में कुल 1322,20,99,000 रुपये (एक हजार तीन सौ बाईस करोड़ बीस लाख निन्यानवे हजार मात्र) के चुनावी बॉण्ड प्राप्त हुए और जमा किये गये।
2023 तक बीआरएस की थी सरकार
इसमें ऐसे प्रत्येक बॉण्ड की राशि, संख्या और उसके अधिकृत बैंक खाते में जमा की तारीख सहित विवरण प्रदान किया गया। बीआरएस दो जून 2014 से दिसंबर 2023 तक तेलंगाना में सत्तारूढ़ थी।
चुनाव आयोग ने अपलोड की जानकारी
बता दें कि निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को चुनावी बॉण्ड के नये आंकड़े सार्वजनिक किए, जिनमें इनकी विशिष्ट अक्षरांकीय संख्या भी शामिल हैं। विशिष्ट अक्षरांकीय संख्या से, चंदा प्राप्त करने वाले राजनीतिक दलों के साथ बॉण्ड के खरीदारों का मिलान करने में मदद मिल सकती है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार बृहस्पतिवार को चुनावी बॉण्ड के संबंध में अपने पास मौजूद सारी जानकारी निर्वाचन आयोग को उपलब्ध करा दी।
इसके बाद, निर्वाचन आयोग ने चंदा देने वालों और इसे प्राप्त करने वालों की दो अलग-अलग सूचियां अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित कर दी। उच्चतम न्यायालय ने 18 मार्च को एसबीआई को फटकार लगाते हुए उसे मनमाना रवैया न अपनाने और 21 मार्च तक चुनावी बॉण्ड योजना से संबंधित सभी जानकारियों का ‘‘पूरी तरह खुलासा’’ करने को कहा था।
इनपुट- भाषा