फॉर्मूला-ई रेस से जुड़े धनशोधन मामले में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामाराव पूछताछ के लिए गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश हुए। बता दें कि पिछली बीआरएस की सरकार में राव नगर प्रशासन मंत्री थे। उन्होंने कहा कि बतौर मंत्री उनके सबसे पसंदीदा फैसलों में एक है हैदराबाद में फॉर्मूल-ई रेस की मेजबानी करना। ईडी के सामने पेश होने से पहले राव ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, 'कोई भी तुच्छ मामला, सस्ती लोकप्रियता के लिए कीचड़ उछालने की नीति या राजनीतिक तिकड़मबाजी उपलब्धि की भावना को नहीं मिटा सकती है।'
ईडी के सामने पूछताछ के लिए पेश हुए केटीआर
बीआरएस नेता ने दावा किया कि भले ही कोई गलत काम नहीं हुआ हो, लेकिन द्वेष और राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित तेलंगाना में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार इन शानदार कार्यक्रमों और उनसे संबंधित दस्तावेजों को अदालतों में घसीटने एवं जांच एजेंसियों के माध्यम से जांच के दायरे में लाने पर उतारू है। राव को केटीआर के नाम से जाना जाता है। उन्हें पहले सात जनवरी को ईडी के समक्ष पेश होने के लिए समन जारी किया गया था। हालांकि, उन्होंने दो सप्ताह का समय मांगा था और बाद में उन्हें 16 जनवरी को पेश होने के लिए एक नयी तारीख दी गई थी। इसके बाद राव ईडी के समक्ष पेश हुए। राव सुबह साढ़े 10 बजे ईडी कार्यालय पहुंचे।
एसीबी की शिकायत पर केस हुआ था दर्ज
इस दौरान पुलिस ने कार्यालय के सामने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। बता दें कि इस दौरान बड़ी संख्या में बीआरएस कार्यकर्ता जांच एजेंसी के कार्यालय के बाहर एकत्र हो गए थे। बता दें कि साल 2024 में हैदराबाद में प्रस्तावित फॉर्मूल ई रेस कार्यक्रम में किए गए भुगतान की कथित अनियमितताओं से यह मामला जुड़ा हुआ है। एसीबी की शिकायत पर संज्ञान लेने के बाद हाल ही में पीएमएलए की विभिन्न धाराओं के तहत एजेंसी ने प्राथमिकी दर्ज की थी। राव के खिलाफ जांच 2024 में होने वाले कार्यक्रम को लेकर पिछले बीआरएस शासन के दौरान ‘‘निर्धारित प्रक्रियाओं का उल्लंघन’’ करते हुए लगभग 55 करोड़ रुपये के भुगतान में कथित अनियमितताओं से संबंधित है, जिनमें से अधिकांश भुगतान विदेशी मुद्रा में किए गए थे।
(इनपुट- एजेंसी के साथ)