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Hindi News तेलंगाना बंदी संजय कुमार ने मदरसों पर साधा निशाना, बोले- आतंकवाद को देते हैं बढ़ावा, सीखाते हैं बम बनाना

बंदी संजय कुमार ने मदरसों पर साधा निशाना, बोले- आतंकवाद को देते हैं बढ़ावा, सीखाते हैं बम बनाना

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री बंदी संजय कुमार ने मदरसों को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने दावा किया कि मदरसे आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं और देश की सुरक्षा के लिए घातक हैं। वहां बम बनाना सीखाया जाता है।

Bandi Sanjay Kumar targeted madrassas said they encourage terrorism teach bomb making- India TV Hindi Image Source : YOUTUBE बंदी संजय कुमार ने मदरसों पर साधा निशाना

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री बंदी संजय कुमार ने मदरसों पर आतंकवाद को बढ़ावा देने और देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करने का आरोप लगाया है। दरअसल बंदी संजय कुमार हैदराबाद के करीमनगर जिले के जम्मीकुंटा में श्री विद्यारण्य आवास विद्यालयम में एक नए छात्रावास के उद्घाटन समारोह में पहुंचे थे। इस दौरान बोलते हुए उन्होंने दावा किया कि जो मदरसे झाड़ू की मदद से भी एक 47 राइफल बनाने का प्रशिक्षण देते हैं। वे आथंकवाद के लए प्रजनन स्थल हैं और देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं।

बंदी संजय कुमार ने मदरसों पर साधा निशाना

उन्होंने राज्य सरकार के उस निर्णय पर भी सवाल उठाया, जिसमें ऐसे संस्थानों क धन मुहैया कराया जा रहा है जो सक्रिय रूप से उग्रवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। संजय कुमार ने शिशुमंदिर विद्यालयों के लिए धन की कमी की भी आलोचना की और कहा कि वे शिक्षा के माध्यम से भारतीय सनातन संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने कहा कि हर मुसलमान हैदराबाद, करीमनगर से जाकर एक रुपये, 10 रुपये और 100 रुपये इन मदरसों को देता है। लेकिन मदरसा किन को तैयार कर रहा है। विश्व में कहीं भी बम धमाका होता है और पूछो कि तुमने बम बनाना कहां से सीखा तो जवाब आएगा मदरसों से।

"मदरसों में सीखाते हैं बम बनाना"

उन्होंने कहा, "मुंबई में धमाके हुए, लंदन में धमाके हुए, पूछो तो आतंकी बताएगा कि मैंने फलाना मदरसे में बम बनाना सीखा है। मदरसों में नए-नए टेक्नोलॉजी सीखा रहे हैं। इन टेक्नोलॉजी को सिखाने के लिए यहां मास्टरों को पैसे दिए जाते हैं। झाड़ू की तिल्ली से एके 47 कैसे बनाना है, इसकी शिक्षा मदरसों में दी जा रही है। लेकिन कितने लोग जम्मीकुंटा शिशु आवास मंदिर के लिए पैसे देते हैं। ये चलेगा तो चलेगा, वरना बंद हो जाएगा। अपने को क्या, लोगों की धारण ऐसी है।"