A
Hindi News तेलंगाना चुनाव में 'बीजेपी' को हराने के लिए 'कांग्रेस' को क्या करना चाहिए? असदुद्दीन ओवैसी ने बताई खास रणनीति

चुनाव में 'बीजेपी' को हराने के लिए 'कांग्रेस' को क्या करना चाहिए? असदुद्दीन ओवैसी ने बताई खास रणनीति

हरियाणा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की है। कांग्रेस को एक बार फिर हार का स्वाद चखना पड़ा है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख ओवैसी ने कांग्रेस को खास सलाह दी है।

असदुद्दीन ओवैसी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO असदुद्दीन ओवैसी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी

हरियाणा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जीत दर्ज की है। जम्मू-कश्मीर में भी बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन किया है। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर दोनों ही जगह कांग्रेस ने कुछ खास कमाल नहीं किया है। हरियाणा में बीजेपी की जीत के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का बड़ा बयान सामने आया है।

कैसे हारी कांग्रेस?

ओवैसी ने कहा कि ‘धर्मनिरपेक्ष’ पार्टियां चुनावों में बीजेपी-विरोधी मतों में सेंध लगाने के लिए उन पर (ओवैसी पर) आरोप लगाती थीं, लेकिन हरियाणा में AIMIM के उम्मीदवारों को न उतारने के बावजूद कांग्रेस कैसे हार गई? ओवैसी ने कांग्रेस पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी को हराने के लिए ‘पुरानी पार्टी’ को सभी को साथ लेकर चलना होगा। 

कांग्रेस के लोग कहते थे B टीम

तेलंगाना के विकाराबाद में शुक्रवार की रात एक जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा, ‘ उन्होंने (बीजेपी) हरियाणा कैसे जीत लिया? मैं वहां नहीं था। वरना वे (कांग्रेस) ‘बी टीम’ कहते। वे वहां हार गए। अब आप ही बताइए, वे किसके कारण हारे?’ 

मोदी को हराने के लिए सबको साथ लेकर चलना होगा

इसके साथ ही AIMIM प्रमुख ओवैसी ने कहा, 'मैं पुरानी पार्टी (कांग्रेस) से कहना चाहूंगा कि मेरी बात समझिए, मोदी को हराने के लिए सबको साथ लेकर चलना होगा। आप अकेले कुछ नहीं कर पाओगे।’ 

हरियाणा में तीसरी बार जीती बीजेपी 

बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा में सत्ता-विरोधी लहर को मात देते हुए लगातार तीसरी बार शानदार जीत हासिल की है। बीजेपी ने कांग्रेस की वापसी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। हरियाणा में बीजेपी ने 90 विधानसभा सीट में से 48 सीट जीतीं, जो सरकार बनाने के लिए 46 के जादुई आंकड़े से कहीं अधिक हैं।

भाषा के इनपुट के साथ