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Hindi News तेलंगाना कॉलेज में थे पेंटर फिर बीजेपी के छात्र संगठन ABVP से जुड़े, जानिए कौन हैं तेलंगाना के नए सीएम अनुमुला रेवंत रेड्‌डी

कॉलेज में थे पेंटर फिर बीजेपी के छात्र संगठन ABVP से जुड़े, जानिए कौन हैं तेलंगाना के नए सीएम अनुमुला रेवंत रेड्‌डी

रेवंत पहली बार विधायक टीडीपी के टिकट से ही बने 2009 में आंध्र प्रदेश की कोडांगल सीट से विधानसभा का इलेक्शन लड़ा था और जीता था। तब तक वो टीडीपी के जाने-पहचाने चेहरे बन चुके थे।

अनुमुला रेवंत रेड्‌डी- India TV Hindi Image Source : FILE अनुमुला रेवंत रेड्‌डी

हैदराबाद: तेलंगाना के निर्माण को 10 साल हो चुके हैं और इस दौरान राज्य को अपना तीसरा मुख्यमंत्री आज मिलने वाला है। राज्य के पहले और दूसरे मुख्यमंत्री भारत राष्ट्र समिति के प्रमुख के, चंद्रशेखर राव रहे हैं। हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान उनकी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा। चुनावों में बहुमत कांग्रेस पार्टी को मिला और आलाकमान ने मुख्यमंत्री के रूप में कमान दी रेवंत रेड्डी को। रेवंत आज दोपहर मुख्यमंत्री के पद की शपथ लेने वाले हैं और इसी के साथ वह राज्य के तीसरे मुख्यमंत्री बन जाएंगे।

ABVP से टीडीपी में शामिल हुए थे रेवंत 

रेवंत रेड्डी का जन्म आंध्र प्रदेश के महबूबनगर में 8 नवंबर 1969 को हुआ था। मूलत: वे एक किसान परिवार से आते हैं। रेवंत का परिवार इतना सक्षम नहीं था कि हर महीने उन्हें खर्च के लिए पैसे भेज सके। अपना खर्च पूरा करने के लिए रेवंत कॉलेज के दिनों में पेंटिंग बनाकर बेचते थे। कॉलेज के दौरान ही वह सक्रिय राजनीति की ओर बढ़ने लगे थे। उन्होंने हैदराबाद के एवी कॉलेज से फाइन आर्ट्स में ग्रेजुएशन किया है। इसी दौरान वे ABVP से जुड़े। वह ABVP से आगे बढ़कर बीजेपी में जाते, उससे पहले ही वह चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी जॉइन कर ली।

Image Source : FILEअनुमुला रेवंत रेड्‌डी

केसीआर को दी थी खुलेआम चुनौती 

मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाले रेवंत रेड्डी का सीएम पद तक पहुंचना बेहद ही मुश्किल भरा रहा है। साल 2015 के दौरान उन्हें वोट के बदले कैश के मामले में जेल में भेजा गया। इस मामले में जमानत पर बाहर आने के बाद उन्होंने तेलंगाना के तत्कालीन मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को चुनौती देते हुए कहा कि मैं इसे भूलूंगा नहीं और एक दिन आपको कुर्सी से हटाकर ही दम लूंगा। उसी दिन से वह अपने मिशन में जुट गए। इस प्रकरण के दौरान रेवंत रेड्डी टीडीपी के सदस्य थे। लेकिन साल 2017 में वह कांग्रेस में शामिल हो गए। 

2017 में कांग्रेस में शामिल हुए थे रेवंत रेड्डी 

राजनीतिक पंडितों के अनुसार, रेवंत और टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू के बीच में कुछ बैटन को लेकर विवाद हो गया था। दोनों के बीच में मतभेद इतने बढ़ गए थे कि उनकी बात तक नहीं होती थी। इसी दौरान चंद्रबाबू नायडू ने घोषणा कर दी कि उनकी पार्टी तेलंगाना में साल 2018 में होने वाला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी। इसके बाफ ही रेवंत ने कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया। वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव भी लड़े लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। इसके बाद वह 2019 में मल्काजगिरी से कांग्रेस के टिकट पर सांसद बने। 2021 में रेवंत को तेलंगाना कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया।

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भारत जोड़ो यात्रा के दौरान चेहरा हो गया था तय 

वहीं पिछले साल कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जब तेलंगाना पहुंची थी तब रेवंत ने इसके लिए ख़ास तैयारी की थी। राज्य में यात्रा के दौरान भी रेवंत राहुल गांधी के साथ ही चले। इसके बाद तय हो गया था कि पार्टी विधानसभा चुनाव भी रेवंत रेड्डी के नेतृत्व में ही लड़ेगी। पार्टी ने राज्य में उन्हें ही चेहरा बनाया और जब उन्हें दो सीटों से टिकट मिला तो यह तय हो गया कि चुनाव जीतने पर पार्टी उन्हें ही कमान सौंपेगी। अब इसका औपचारिक ऐलान भी हो गया है और आज रेवंत रेड्डी शपथ भी ले रहे हैं।