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Hindi News टेक टिप्स और ट्रिक्स Cooler की घास बदलते समय रखें इन बातों का ध्यान, मिलेगी AC जैसी ठंडी हवा

Cooler की घास बदलते समय रखें इन बातों का ध्यान, मिलेगी AC जैसी ठंडी हवा

Cooler की घास बदलते समय अगर आपने कुछ बातों का ध्यान नहीं रखा तो पूरी गर्मी परेशान रह सकते हैं। कूलर में लगने वाले घास की कंडीशन और उसके सही फैलाव से ही आपको कमरे में अच्छी कूलिंग मिलती है। कूलर को भी AC की तरह ही मेंटेनेंस की जरूरत होती है।

Cooler Grass- India TV Hindi Image Source : FILE Cooler Grass

गर्मियां शुरू हो गई हैं और इससे बचने के लिए लोग अपने घरों में AC और कूलर लगवा रहे हैं। पूरे उत्तर भारत में जिस तरह से गर्मी पड़ती है केवल पंखे में गुजारा होना मुश्किल है। AC की तरह ही Cooler को भी हर साल मेंटेनेंस की जरूरत होती है। कूलर की घास को समय-समय पर बदलना चाहिए ताकि उससे ठंडी हवा मिल सके और कमरा ठंडा रह सके। इस समय मार्केट में दो तरह के कूलर मिलते हैं। एक को आप इंडोर में इस्तेमाल करते हैं और दूसरा आउटडोर कूलर होता है, जिसे हम अपने कमरे की खिड़की पर लगाते हैं।

इंडोर इस्तेमाल किए जाने वाले कूलर में हनी कॉम्ब की जाली लगाई जाती हैं, जो आम तौर पर कागज की लुगदी में सिंथेटिक कैमिकल मिलाकर तैयार की जाती है। इन जालियों को जल्दी बदलने की जरूरत नहीं होती हैं। ये 2 से 3 साल तक आसानी से चलती हैं। वहीं, आउटडोर में लगाए जाने वाले कूलर में खस की घास का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे हर सीजन बदल देना चाहिए ताकि आपको ठंडी हवा मिलती रहे। यह घास बाजार में 100 रुपये की प्राइस रेंज में आसानी से मिल जाती है। 

घास बदलते समय इन बातों का रखें ध्यान

  • कूलर की घास बदलते समय आपको यह ध्यान में रखना चाहिए कि यह बॉडी को पूरा कवर करे। अगर, घास बॉडी को पूरा कवर नहीं करेगा तो पानी का फ्लो बाधित होगा, जिससे पूरा घास नहीं भींगेगा और ठंडी हवा नहीं मिलेगी।
  • घास बदलते समय यह भी ध्यान रखना चाहिए की उसका फैलाव पूरी बॉडी में एक जैसा रहे। क्योंकि कई अगर घास की परत कहीं मोटी और कहीं पतली हो जाती है, तो भी वह सही से नहीं भींगती है।
  • कूलर में घास लगाते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि उससे हवा आसानी से आर-पार हो सके। ज्यादा मोटी घास लगाने से भी हवा आसानी से आर-पार नहीं होगी और वह कूलिंग नहीं करेगा।
  • इसके अलावा कूलर में लगे पंप से आने वाले पानी का फ्लो भी चेक करें ताकि घास पर हर जगह से सही मात्रा में पानी गिर सके। इससे घास नहीं खराब होगा और आपको ठंडी हवा मिलती रहेगी।