Google Maps कैसे देता है ट्रैफिक की सटीक जानकारी? जानें हर छोटी बात
Google Maps डेली ट्रैवल करने वाले यूजर्स के लिए एक जरूरी ऐप बन गया है। इस ऐप के जरिए आप एक जगह से दूसरे जगह बिना किसी ट्रैफिक जाम के पहुंच सकते हैं। यह ऐप आपको लोकेशन और ट्रैफिक की सटीक जानकारी कैसे देता है, आइए जानते हैं...

Google Maps स्मार्टफोन यूजर्स के लिए एक जरूरी ऐप बन गया है। खास तौर पर डेली ऑफिस जाने वाले लोगों के लिए यह ऐप राहत पहुंचाता है। इस ऐप का इस्तेमाल करके आप पीक ऑवर्स में भी लंबे ट्रैफिक जाम से बच सकते हैं। यह आपको अल्टर्नेटिव रास्ता बताएगा, ताकि आप अपने गंतव्य तक बिना किसी रूकावट के पहुंच सके। इस समय प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ जाने वालों के लिए भी यह ऐप राहत पहुंचा सकता है। गूगल मैप्स पर आप रीयल टाइम में ट्रैफिक मॉनिटर करके जाम से बच सकते हैं।
इन दिनों प्रयागराज के रास्ते में लंबे ट्रैफिक जाम की वजह से गूगल लोग गूगल मैप्स की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठा रहे हैं। कई यूजर्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गूगल मैप्स को गलत जानकारी दिखाए जाने के आरोप लगाए हैं। गूगल ने अपने ब्लॉग में यह जानकारी शेयर की है कि गूगल मैप्स किस तरह काम करता है? आइए जानते हैं इस ऐप से जुड़ी हर छोटी बात के बारे में...
गूगल मैप्स कैसे करता है काम?
गूगल मैप्स उपलब्ध डेटा सोर्स, एल्गोरिदम और नेविगेशन सर्विस के आधार पर लोगों को रीयल टाइम में ट्रैफिक की जानकारी दिखाता है। गूगल के लिए डेटा सोर्स का काम सैटेलाइट इमेज, एरियल फोटोग्राफी, स्ट्रीट मैप, 360 डिग्री पेनारोमिक व्यू, डिजिटल मैप के लिए GIS डेटा, हिस्टोरिकल ट्रैफिक पैटर्न, लोकल गवर्मेंट डेटा और रीयल-टाइम यूजर फीडबैक करते हैं। इनके आधार पर ही गूगल मैप्स में आपको ट्रैफिक का मूवमेंट दिखता है।
Google Maps में इमेज प्रोसेसिंग एल्गोरिदम का इस्तेमाल किया जाता है, जो GIS डिजिटल मैप पर किसी भी रूट की डिटेल दिखाता है। यह ऐप GPS यानी ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम टेक्नोलॉजी के आधार पर जानकारी दिखाता है। साथ ही, गूगल मैप्स में रियल टाइम जानकारी दिखाने के लिए स्टेबल इंटरनेट कनेक्शन का होना बेहद जरूरी है। ट्रैफिक प्रेडिक्ट करने के लिए गूगल मैप्स में मशीन लर्निंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है।
गूगल मैप्स कब नहीं करता है काम?
गूगल मैप्स में अगर आपको रीयल टाइम ट्रैफिक की जानकारी नहीं मिली तो इसके कई कारण हो सकते हैं। खास तौर पर स्टेबल इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी, रीयल टाइम यूजर फीडबैक आदि की वजह से ऐसा हो सकता है। इसके अलावा रास्ते पर मौजूद लोगों के फोन का GPS लोकेशन ऑफ होने की वजह से भी ट्रैफिक की सटीक जानकारी नहीं मिलती है।
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