YouTube के एक वीडियो ने गूगल सीईओ सुंदर पिचाई की टेंशन बढ़ा दी है। मुंबई की एक अदालत ने पिचाई को अवमानना का नोटिस जारी किया है। गूगल के वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब पर अदालत के आदेश का पालन नहीं करने का आरोप लगा है। यूट्यूब के दुनिया में करोड़ों यूजर्स हैं। गूगल के वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर शेयर की जाने वाले कॉन्टेंट तेजी से वायरल हो जाते हैं, जिसकी वजह से कई बार स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म की किरकिरी भी होती है। हालांकि, यूट्यूब की पॉलिसी काफी सख्त है फिर भी कई आपत्तिजनक कॉन्टेंट इस पर शेयर हो जाते हैं।
क्या है मामला?
Google CEO सुंदर पिचाई को यह नोटिस भी यूट्यूब पर अपलोड हुए एक वीडियो को लेकर दिया गया है। यूट्यूब पर अपलोड किए गए एक वीडियो को अदालत ने कुछ साल पहले हटाने का आदेश दिया था, जिसे यूट्यूब से नहीं हटाया गया है। कोर्ट के आदेश का पालन न करने की वजह से सुंदर पिचाई के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया गया है। मुंबई कोर्ट के एडिशनल चीफ जस्टिस ने सुंदर पिचाई को नोटिस भेजकर पूछा है कि कोर्ट की अवमानना और उसके पहले के आदेश को पालन न करने के चलते उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न शुरू की जाए?
कुछ साल पहले ध्यान फाउंडेशन ने यूट्यूब के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज किया था। इस फाउंडेशन के संस्थापक योगी अश्विनी को लेकर एक अपमानजनक वीडियो यूट्यूब पर अपलोड किया गया था, जिसमें उन्हें 'पाखंडी बाबा' कहा गया था। कोर्ट ने इस वीडियो को यूट्यूब से हटाने का आदेश दिया था। यट्यूब ने इस आदेश का पूरी तरह से पालन नहीं किया, जिसकी वजह से कोर्ट द्वारा नोटिस जारी किया गया है।
छवि धूमिल करने का आरोप
इस वीडियो को भारत में तो यूट्यूब से हटा लिया है, लेकिन विदेशों में अभी भी इस वीडियो को देखा जा सकता है। इस अपमानजनक वीडियो को लेकर दिए गए आदेश में कोर्ट ने यूट्यूब को अपने प्लेटफॉर्म से वीडियो को हटाने के लिए कहा था, लेकिन यूट्यूब ने इसे केवल भारत से ब्लॉक किया है। ध्यान फाउंडेशन का कहना है कि गूगल जानबूझकर योगी अश्विनी की छवि को धूमिल कर रहा है। इस मामले की अगली सुनवाई 3 जनवरी 2025 को होनी है।
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