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Hindi News टेक न्यूज़ TRAI ने Airtel, Jio, Vi, BSNL को दिया 30 दिन का समय, सभी को अब करना ही होगा ये काम

TRAI ने Airtel, Jio, Vi, BSNL को दिया 30 दिन का समय, सभी को अब करना ही होगा ये काम

ट्राई ने अपने आदेश में कहा कि यह बात सामने आई है कि कुछ टेलीमार्केटर्स अपने कॉल्स और मैसेज टेम्पलेट का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। ट्राई ने कहा कि अनसॉलिसेटेड कमर्शियल कम्युनिकेशन लोगों की परेशानी को बढ़ा रहे हैं और इससे यूजर्स की प्राइवेसी को भी बड़ा खतरा है।

TRAI, Airtel, jio, Vodafone idea, Vi, telemarketing message, fake calls, fake message, fake telemark- India TV Hindi Image Source : फाइल फोटो इससे पहले ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों से प्रमोशनल कॉल्स को रोकने के लिए अपने सिस्टम में AI फिल्टर लगाने को कहा था।

TRAI JIO AIRTEL VI: टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी ट्राई इस समय तेजी से फ्रॉड कॉल्स और फ्रॉड मैसेज के खिलाफ कदम उठा रही है। ट्राई की तरफ से अब देश की टेलीकॉम प्रवाइडर कंपनी जियो, एयरटेल, वोडाफोन आइडिया को सख्त निर्देश दिए गए हैं। ट्राई ने तीनो ही टेलीकॉम कंपनियों को आदेश दिया है जल्द से जल्द टेलीमार्केटिंग कंपनियों के प्रोशनल कॉल्स और मैसेज को रोकने के लिए कदम उठाए जाएं। 

ट्राई ने अपने आदेश में कहा कि यह बात सामने आई है कि कुछ टेलीमार्केटर्स अपने कॉल्स और मैसेज टेम्पलेट का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। ट्राई ने कहा कि अनसॉलिसेटेड कमर्शियल कम्युनिकेशन लोगों की परेशानी को बढ़ा रहे हैं और इससे यूजर्स की प्राइवेसी को भी बड़ा खतरा है। अब इस पूरे मामले में रेगुलेटर की तरफ से कदम उठाया जा रहा है। 

TCCCPR-2018 के नियम फॉलो करें

TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों से टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशन कंज्यूमर प्रिफरेंस रेगूलेशन्स, 2018 (TCCCPR-2018) के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। नियम के मुताबिक मोबाइल नंबर के साथ साथ टेलीमार्केटिंग मैसेज में हेडर्स का डिस्प्ले होना अनिवार्य है। 

ट्राई ने अपने आदेश में टेलीकाम कंपनियों को कोड ऑफ प्रैक्टिस में जल्द से जल्द बदवाल करने के लिए कहा है। रेगुलेटर ने कहा कि यूजर्स को भेजे जाने वाले मैसेज TCCCPR 2018 नियम के मुताबिक होने चाहिए। अब TRAI की तरफ से इसे लागू करने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को 30 दिन का समय दिया है। 

कंटेंट टेम्पलेट को वेरिफाई करें

ट्राई ने कहा कि ऐसा लग रह है कि यूजर्स मैसेज टाइटल और हेडर्स के बीच कंफ्यूज हैं। कंपिनयों को एक ऐसा ऑनलाइन तरीका अपनाना चाहिए जिससे मैसेज के लिए रिएक्टिव हेडर्स को अलग अलग हेडर्ड दिए जा सकें। ट्राई ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को कंटेंट टेम्पलेट को दोबारा वेरिफाई करने के लिए कहा है।

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