Telecom Act 2023: भारत के करोड़ों टेलीकॉम यूजर्स के लिए 15 सितंबर से नया नियम लागू हो सकता है। इसके बाद मोबाइल यूज करने के नियम बदल जाएंगे। टेलीकॉम रेगुलेटर TRAI ने दूरसंचार विभाग यानी DoT को इसके लिए रेकोमेंडेशन दे दिया है। दूरसंचार विभाग लोकसभा चुनाव के बाद नए टेलीकॉम एक्ट को लागू कर सकता है। इसे Telecom Act 2023 के नाम से लागू किया जाएगा। सामने आ रही रिपोर्ट के मुताबिक, टेलीकॉम सर्विसेज के लिए यह नियम नई सरकार के बनने के 100 दिनों के बाद लागू किया जा सकता है।
15 सितंबर से लागू होंगे नए नियम!
4 जून को लोकसभा चुनाव 2024 का रिजल्ट आएगा, जिसके बाद नई सरकार की तस्वीर साफ हो जाएगी। नई सरकार के गठन के 100 दिन बाद यानी 15 सितंबर तक इस नए नियम को लागू करने की बात सामने आ रही है। नए नियम में टेलीकॉम कंपनियों और मध्यस्थ कंपनियों द्वारा यूजर के डेटा कलेक्ट करने से लेकर सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी आदि का प्रावधान दिया गया है।
TRAI ने दूरसंचार विभाग को सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी को लेकर रेकोमेंडेशन दिया है, जिसमें यह बताया गया है कि सैटेलाइट कंपनियों को स्पेक्ट्रम किस तरह से आवंटित किया जाएगा।
Telecom Act 2023
Telecom Act 2023 में जो सबसे अहम बात है वो ये कि अब नया कनेक्शन लेने के लिए बायोमैट्रिक आईडेंटिफिकेशन मेंडेटरी हो जाएगा। नए नियम में साफ है कि बिना किसी बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन के टेलीकॉम कंपनियां यूजर्स को नया नंबर जारी नहीं कर पाएगी। इसकी वजह से फर्जी सिम कार्ड जारी करने और साइबर ठगी आदि पर लगाम लगाया जा सकेगा।
इसके अलावा टेलीकॉम कंपनियों और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर के साथ-साथ मध्यस्थ कंपनियों के लिए यूजर डेटा कलेक्ट करने को लेकर भी स्पष्ट नियम बनाए गए हैं ताकि यूजर के निजी डेटा का गलत तरीके से इस्तेमाल न हो सके। रिपोर्ट की मानें तो नए Telecom Act में 35 से 37 नए प्रावधान जोड़े गए हैं, जो बदलते परिवेश और टेक्नोलॉजी को ध्यान में रखकर ऐड किया गया है।
सैटेलाइट स्पेक्ट्रम के आवंटन की बात करें तो TRAI ने दूरसंचार विभाग को जो रेकोमेंडेशन दिया है उसके मुताबिक, उन सैटेलाइट कंपनियों को ही स्पेक्ट्रम आवंटित किया जाएगा, जो प्वाइंट-टू-प्वाइंट कनेक्शन मुहैया कराएगी। उन कंपनियों को सैटेलाइट स्पेक्ट्रम आवंटित नहीं किया जाएगा, जो ग्राहकों को डायरेक्ट रिटेल सर्विस मुहैया कराती है।
इसे एक एडमिनिस्ट्रेशन तरीके से आवंटित किया जाएगा। इसकी वजह से सैटेलाइट कंपनियां डायरेक्ट लाभ न उठा सके और टेलीकॉम कंपनियों को भी परेशान न हो। भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू करने के लिए सरकार से स्पेक्ट्रम खरीदना होगा। इसके बाद ही कोई भी कंपनी सैटेलाइट इंटरनेट को भारत में लॉन्च कर सकती है।