iPhone अब Made in India ही नहीं Made By Indian भी होगा, Tata रचने जा रहा है ये बड़ा इतिहास
टाटा समूह एक प्रमुख एप्पल सप्लायर विस्ट्रॉन के स्वामित्व वाली फैक्ट्री का अधिग्रहण करने के अंतिम चरण में है। इस डील के अगस्त 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है।
भारत का सबसे प्रतिष्ठित कारोबारी घराना टाटा समूह (Tata Group) एक बार फिर देश का नाम रोशन करने जा रहा है। जल्द ही टाटा का नाम एप्पल के आईफोन (Apple iPhone) से जुड़ने जा रहा है। अभी तक आप जो आईफोन यूज करते हैं वह या विदेश में निर्मित होता है, या फिर फॉक्सकॉन जैसी किसी विदेशी कंपनी की भारतीय फैक्ट्री में असेंबल किया जाता है। लेकिन अब आईफोन न सिर्फ मेड इन इंडिया होगा, बल्कि यह मेड बाय इंडियन कंपनी होगा।
टाटा करेगी विस्ट्रॉन का अधिग्रहण
ब्लूमबर्ग की मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, टाटा समूह एक प्रमुख एप्पल सप्लायर विस्ट्रॉन के स्वामित्व वाली फैक्ट्री का अधिग्रहण करने के अंतिम चरण में है। इस डील के अगस्त 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है। यदि ऐसा होता है तो भारतीय उद्योग और सरकार के मेक इन इंडिया मिशन के लिए यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा। यह पहली बार होगा कि जब कोई भारतीय कंपनी iPhone असेंबली के क्षेत्र में प्रवेश कर रही है। टाटा समूह का लक्ष्य दक्षिणी राज्य कर्नाटक में स्थित विस्ट्रॉन फैक्ट्री का अधिग्रहण करना है।
600 मिलियन डॉलर की होगी डील
मीडिया में आई खबरों के अनुसार बीते एक साल से इस डील पर काम चल रहा था। यह डील करीब $600 मिलियन से अधिक की हो सकती है। विस्ट्रॉन फैक्ट्री iPhone 14 मॉडल के उत्पादन के लिए जानी जाती है और वर्तमान में इसमें 10,000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। रिपोर्ट के अनुसार, विस्ट्रॉन ने मार्च 2024 तक Apple को 1.8 बिलियन डॉलर मूल्य के iPhone भेजने की प्रतिबद्धता जताई है। वहीं, Apple ने अगले साल तक कारखाने के कार्यबल को तीन गुना करने का वादा किया है।
क्यों कारोबार बेच रही है विस्ट्रॉन
पहले आई मीडिया रिपोर्टों में यह संकेत मिलने शुरू हो गए थे कि विस्ट्रॉन भारत में अपना कारोबार बेचने की तैयारी में है। दरअसल ऐप्पल द्वारा लगाई गई शर्तों के चलते कंपनी के मुनाफे पर कैंची चल रही थी, जिसके कारण विस्ट्रॉन आईफोन निर्माण के क्षेत्र से बाहर निकलने की तैयारी में है। फॉक्सकॉन और पेगाट्रॉन जैसी वैश्विक दिग्गज कंपनियों की तुलना में एक छोटे खिलाड़ी के रूप में, विस्ट्रॉन को एप्पल के साथ हाई मार्जिन पर बातचीत करने के लिए संघर्ष करना पड़ा।
कर्मचारियों की समस्या से जूझ रही है कंपनी
रिपोर्ट के अनुसार, विस्ट्रॉन को अपने छोटे आकार और प्रबंधन मुद्दों के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा, चीन और भारत के बीच सांस्कृतिक मतभेदों ने विस्ट्रॉन की श्रमिकों को बनाए रखने की क्षमता को प्रभावित किया, जिसके परिणामस्वरूप भारत के कोलार में इसकी फैक्ट्री में नौकरी छोड़ने की दर काफी तेजी से बढ़ी है।
Tata बढ़ाएगी iPhone का उत्पादन
विस्ट्रॉन ने अपनी iPhone असेंबली सुविधा टाटा समूह को बेचने का विकल्प चुना है। टाटा का इरादा विस्ट्रॉन फैक्ट्री में मौजूदा आईफोन उत्पादन क्षमता को बढ़ाने का है। इसके अलावा रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि टाटा ग्रुप फिलहाल भारत में आने वाले iPhone 15 मॉडल्स की असेंबली की टेस्टिंग कर रहा है। विस्ट्रॉन ने शुरुआत में 2008 में एक उपकरण मरम्मत यूनिट की स्थापना के साथ भारतीय बाजार में प्रवेश किया। 2017 में, कंपनी ने अपने परिचालन का विस्तार किया और Apple के लिए iPhone का निर्माण शुरू किया।