Philips ने अपने 'स्लीप एपनिया' डिवाइस को बताया Safe, कहा- भारत में यूज के लिए सुरक्षित
Philips ने अपने Sleep Apnea डिवाइस की दिक्कतों को पूरी तरह से दूर कर लिया है और यह अब भारत में इस्तेमाल करने के लिए सुरक्षित है। कंपनी ने बताया कि इन डिवाइस में लगने वाले फोम को बदल दिया गया है।
Philips ने अपने स्लीप एपनिया डिवाइस को भारतीय यूजर्स के लिए सुरक्षित बताया है। डच कंपनी ने बताया कि उसने अपने सभी स्लीप थेरेपी के लिए भारत में यूज होने वाले डिवाइस में आ रही दिक्कत को ठीक कर लिया है और वर्तमान परीक्षण के आधार पर उसके लगातार इस्तेमाल से रोगी के स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल असर नहीं होगा। फिलिप्स के बाय-लेवल पॉजिटिव एयरवे प्रेशर (BiPAP) वाले डिवाइस के मॉडल में फोम के गिरने की दिक्कत पाई गई थी, जिसकी वजह से यूजर्स को सांस लेने में दिक्कत हो गई थी और इसकी वजह से हेल्थ रिस्क बढ़ गई थी।
1.1 बिलियन डॉलर का सेटलमेंट
इस मामले में हाल ही में फिलिप्स ने 1.1 बिलियन डॉलर का सेटलमेंट अमेरिकी कोर्ट में किया है। स्लीप एपनिया डिसऑर्डर वाले रोगी इस मशीन का इस्तेमाल करते हैं। यह एक गंभीर बीमारी है, जिसमें सोते समय सांस बार-बार रुकती है और शुरू होती है। इस रोग के उपचार के लिए BiPAP और CPAP मशीन का इस्तेमाल किया जाता है।
2021 में जारी किया था फील्ड सेफ्टी नोटिस
Philips ने जून 2021 में इन डिवाइस के लिए एक फील्ड सेफ्टी नोटिस जारी किया था, जिसमें इन डिवाइस के वायु मार्ग में फोम पार्टिकल के रिलीज होने को लेकर चिंता जताई गई थी। कई यूजर्स को इस डिवाइस के इस्तेमाल के बाद सिरदर्द और साइनस जैसे लक्षण आए थे, जो संभवतः काले मलबे और डिस्चार्ज होने वाले केमिकल की वजह से थे। फिलिप्स ने अपने नोटिस में यूजर्स को डिवाइस का उपयोग न करने, सुधारात्मक कार्रवाई के लिए पंजीकरण करने और वैकल्पिक उपचार के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं से परामर्श करने की बात कही थी। भारतीय यूजर्स के लिए फिलप्स ने है हॉटलाइन नंबर और वेबसाइट के जरिए यूजर्स को सहायता प्रदान करने की पेशकश की थी।
फिलिप्स इंडिया ने अपने बयान में कहा कि 2021 में, भारत सहित दुनिया भर के कई देशों में कुछ नींद और सांस की देखभाल करने वाले डिवाइस के लिए एक फील्ड सेफ्टी नोटिस जारी की गई थी। रोगी सुरक्षा और गुणवत्ता हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और हमने इस फील्ड सेफ्टी नोटिस के परिणामों को हल करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मरीजों के लिए स्लीप थेरेपी डिवाइस की दिक्कतें लगभग दूर हो गई हैं और अब तक के टेस्ट रिजल्ट बताते हैं कि इन डिवाइस के यूज से स्वास्थ्य को कोई नुकसान होने की उम्मीद नहीं है।
पुराने डिवाइस में किया बदलाव
Philips ने बताया कि हम पुराने डिवाइस को पॉलिएस्टर बेस्ड पॉलीयूरेथेन (PE-PUR) साउंड एबेटमेंट फोम के साथ नहीं बेचते हैं। आज भारत में बेचे जा रहे सभी डिवाइस में नया सिलिकॉन साउंड एबेटमेंट फोम इस्तेमाल हो रहा है। यह एक ऐसी सामग्री है, जो आमतौर पर मेडिकल इक्विपमेंट इंडस्ट्री में उपयोग की जाती है। इन प्रोडक्ट्स को CDSCO द्वारा भारत में बिक्री के लिए अप्रूव किया गया है।