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UPI Circle कैसे करता है काम? यहां जानें बिना बैंक अकाउंट के कैसे कर पाएंगे यूपीआई पेमेंट

NPCI ने हाल में आयोजित ग्लोबल फिनटेक फेस्ट (GFF) 2024 में डेलिगेटेड पेमेंट सिस्टम UPI Circle लॉन्च की है। यूपीआई की इस सर्विस के जरिए यूजर्स बिना बैंक अकाउंट के भी UPI पेमेंट कर सकेंगे।

UPI Circle- India TV Hindi Image Source : NPCI UPI Circle

NPCI ने पिछले दिनों डेलिगेटेड पेमेंट सिस्टम बेस्ड UPI Circle सर्विस लॉन्च की है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शशिकांत दास ने इस नई सर्विस को लॉन्च करते हुए यूजर्स के लिए ऑनलाइन पेमेंट के लिए एक नया सॉल्यूशन पेश किया है। नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने पिछले दिनों इस सर्विस को लॉन्च करते हुए कहा कि यह सर्विस भारत के डिजिटल पेमेंट सिस्टम को और आगे बढ़ाएगा।

क्या है UPI Circle?

NPCI की यह सर्विस एक डेलिगेटेड पेमेंट सिस्टम है, जिसमें एक ही UPI अकाउंट का इस्तेमाल कई यूजर्स कर सकेंगे। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं कि यह सिक्योर नहीं होगा। NPCI ने साफ किया है कि यह डेलिगेटेड सिस्टम सिक्योर और ईजी-टू-यूज होगा। अपनी प्रेस रिलीज में NPCI ने बताया कि करीब 6 प्रतिशत UPI यूजर्स किसी और के लिए ट्रांजैक्शन करते हैं। डेलिगेटेड पेमेंट सिस्टम के लागू होने के बाद वो यूजर्स भी UPI पेमेंट कर सकेंगे, जिनके पास बैंक अकाउंट नहीं है।

NPCI के मुताबिक, इस डेलिगेटेड पेमेंट सिस्टम में प्राइमरी UPI यूजर अपने साथ भरोसेमंद सेकेंडरी यूजर्स को जोड़ सकते हैं। सेकेंडरी यूजर के पास बैंक अकाउंट नहीं भी है तो भी वो प्राइमरी यूजर के बैंक अकाउंट के जरिए UPI पेमेंट कर सकते हैं।

UPI Circle कैसे करता है काम?

डेलिगेशन पेमेंट सिस्टम में प्राइमरी यूजर अपने सर्किल के सेकेंडरी यूजर्स द्वारा किए जाने वाले पेमेंट के रिक्वेस्ट को ऑथोराइज करेंगे, तो ही पेमेंट हो सकेगी। इसके लिए प्राइमरी यूजर को UPI पिन दर्ज करना होगा। इस वजह से यह पेमेंट सिस्टम सिक्योर है। कोई भी सेकेंडरी यूजर किसी एक ही प्राइमरी यूजर का डेलीगेशन एक्सेप्ट कर सकता है यानी एक सेकेंडरी यूजर के पास एक ही प्राइमरी यूजर होगा। सेकेंडरी यूजर जब भी UPI पेमेंट इनिशिएट करेंगे, इसका नोटिफिकेशन प्राइमरी यूजर के पास जाएगा। प्राइमरी यूजर पेमेंट को ऑथोराइज करेंगे, तो ही पेमेंट प्रोसेस हो सकेगी।

कितनी है खर्च करने की लिमिट?

NPCI ने डेलिगेटेड पेमेंट सिस्टम के लिए स्पेंडिंग लिमिट यानी खर्च करने की लिमिट सेट की है। कोई भी डेलिगेटेड सेकेंडरी यूजर एक महीने में केवल 15 हजार रुपये तक खर्च कर सकता है। साथ ही, वो एक बार में अधिकतम 5,000 रुपये तक ही खर्च कर सकेंगे। एक प्राइमरी UPI यूजर अपने यूपीआई सर्किल में अधिकतम 5 सेकेंडरी यूजर को ही जोड़ सकते हैं।

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