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मोदी सरकार का बड़ा फैसला, अब नहीं आएंगे फर्जी कॉल और मैसेज

मोदी सरकार ने भारत में तेजी से बढ़ रहे फर्जी कॉल्स और मैसेज पर रोक लगाने के लिए एक और कड़ा फैसला लिया है। सरकार ने इसके लिए गाइडलाइन्स ड्राफ्ट कर ली है और 21 जुलाई तक इसके लिए पब्लिक कमेंट मांगा है।

Unsolicited Calls- India TV Hindi Image Source : FILE Unsolicited Calls

केन्द्र की मोदी सरकार ने फर्जी कॉल्स और मैसेज पर लगाम लगाने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। सरकार ने इसके लिए गाइडलाइंस ड्राफ्ट कर लिया है और 21 जुलाई तक पब्लिक कमेंट मांगा है। पब्लिक कमेंट्स और फीडबैक के बाद बिल को पेश किया जाएगा और इसे लागू कर दिया जाएगा। जिस तरह से पिछले कुछ सालों में फर्जी कॉल्स और मैसेज के जरिए फ्रॉड के मामले सामने आए हैं। सरकार का यह कदम आम लोगों को राहत देने वाला है।

21 जुलाई तक पब्लिक कमेंट

PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने इसकी गाइडलाइन्स ड्राफ्ट कर ली है और 21 जुलाई तक इसे पब्लिक कमेंट के लिए उपलब्ध कराया गया है। इसके पहले भी TRAI और दूरसंचार विभाग ने फर्जी कॉल पर लगाम लगाने के लिए बैंकिंग और रजिस्टर्ड फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन के लिए नई 160 वाली नंबर सीरीज जारी की है, ताकि लोगों को सही और फर्जी कॉल की पहचान करने में दिक्कत न हो। साथ ही, दूरसंचार विभाग कॉलर आईडी नेम रिप्रजेंटेशन (CNAP) को भी दो टेलीकॉम सर्किल में टेस्ट कर रहा है।

कमिटी में इन सेक्टर के रिप्रजेंटेटिव

लोकसभा चुनाव से पहले ही केन्द्र सरकार ने अनसोलिसेटेड (Unsolicited) बिजनेस कम्युनिकेशन के लिए एक कमिटी का गठन किया था। इस कमिटी ने इससे संबंधित बिल को ड्राफ्ट कर लिया है, जिसे अब पब्लिक कमेंट के लिए भेजा गया है। सरकार का मकसद कंज्यूमर्स के प्राइवेसी राइट्स की रक्षा करना है। इस बिल को ड्राफ्ट करने के लिए अलग-अलग सेक्टर से रिप्रजेंटेटिव को कमिटी में शामिल किया गया है।

इस कमिटी में टेलीकॉम सेक्टर की रेगुलेटरी बॉडी दूरसंचार विभाग (DoT) और दूरसंचार नियामक (TRAI) के अलावा डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विस (DFS), मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स, रिजर्व बैंक, इंश्योरेंस रेगुलेटर (IRDAI) और  सेलुलर ऑपरेशन असोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) के रिप्रजेंटेटिव्स को रखा गया है।

यूजर्स की गोपनीयता की रक्षा

फर्जी कॉल्स और मैसेज पर रोल लगाने के लिए ड्राफ्ट किए जा रहे इस बिल में कंप्रिहेंसिव गाइडलाइन्स को जोड़ा गया है ताकि लोगों को आने वाले प्रमोशनल और कमर्शियल कॉल में उनकी निजता को बरकरार रखा जा सके। सरकार ने आधिकारिक बयान जारी करके बताया  'यह देखा गया कि ये कॉल्स न केवल यूजर्स की प्रिवेसी (गोपनीयता) बल्कि उनके अधिकारों का भी उल्लंघन करती हैं। ऐसी अधिकांश कॉलें वित्तीय सेवा सेक्टर से आती हैं, जिसके बाद रियल एस्टेट का नंबर आता है।'