महाकुंभ के लिए Google की खास तैयारी, Mahakumbh सर्च करने पर होगी 'पुष्प-वर्षा'
Mahakumbh 2025 के लिए टेक कंपनी गूगल ने भी खास तैयारी की है। गूगल पर महाकुंभ सर्च करने पर आपके फोन या लैपटॉप की स्क्रीन पर पुष्प-वर्षा की जाएगी। गूगल ने यह फीचर अपने सर्च इंजन में जोड़ दिया है।
Mahakumbh 2025: महाकुंभ के लिए दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन Google ने खास तैयारी की है। गूगल पर महाकुंभ सर्च करते ही स्क्रीन पर पुष्प-वर्षा होने लगेगी। साथ ही, आपको महाकुंभ से जुड़ी जानकारी और लेटेस्ट आर्टिकल मिलेंगे। यह पहला मौका नहीं है, जब गूगल ने किसी खास मौके के लिए ऐसा किया है। इससे पहले भी गूगल अलग-अलग मौकों पर नए डूडल आदि बनाता है, जिसमें यूजर्स को उस इवेंट से जुड़ी तमाम जानकारियां मिलती हैं।
टाइप करने पर पुष्प-वर्षा
गूगल का यह फीचर कम्प्यूटर और मोबाइल दोनों के लिए जोड़ा गया है। जैसे ही आप गूगल सर्च में महाकुंभ टाइप करेंगे आपको स्क्रीन पर फूलों की बारिश होते हुए दिखेगी। एनिमेशन के जरिए होने वाली पुष्प वर्षा काफी आकर्षक लगेगी। यूपी के प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 के बीच महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के संगम में डुबकी लगाने की संभावना है। इसे अब तक का सबसे बड़ा धार्मिक इवेंट माना जा रहा है।
डिजिटल महाकुंभ
इस महाकुंभ को डिजिटल महाकुंभ भी कहा जा रहा है। महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। ऐसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अब तक किसी कुंभ में नहीं किया गया है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए कुंभ मेला क्षेत्र में ड्रोन के जरिए निगरानी रखी जाएगी। यही नहीं, स्नान के दौरान अगर कोई श्रद्धालु पानी में डूब रहा होगा तो उसे ड्रोन वाले लाइफ सेवर बोट के जरिए बाहर निकाला जाएगा। हाल ही में इसका एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामने आया है। इसके अलावा मेला क्षेत्र में फ्री Wi-Fi समेत कई हाई टेक सुविधाएं मौजूद हैं।
इस बार का महाकुंभ कई मायनों में खास है, जिसमें टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। प्रयागराज के कुंभ मेला क्षेत्र में आपको QR बेस्ड एंट्री से लेकर AI पार्किंग, ड्रोन और CCTV कैमरे आदि सिक्योरिटी और मैनेजमेंट के लिए मिलेंगे। ऐसा कहा जा रहा है कि यह महाकुंभ 144 बाद लगा है और फिर 144 साल के बाद ही इसका आयोजन किया जाएगा। कुंभ नगरी में इस बार 13 अखाड़ों के साधू हिस्सा ले रहे हैं। इसके अलावा दुनिया के अलग-अलग देशों के श्रद्धालु इसमें हिस्सा लेने के लिए प्रयागराज पहुंच गए हैं।
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