भारत सरकार की ओर से ओवर-द-टॉप (OTT) ऐप्स को रेगुलेट करने के लिए एक नया कानून लाया जा रहा है। एक बार ये बिल जैसे ही संसद में पास हो जाएगा तो नेटफ्लिक्स, अमेजन, सोनी लिव और हॉटस्टार जैसे ओटीटी ऐप्स के कंटेंट की विनियमन (Evaluation) के लिए सरकार कमेटी का गठन कर पाएगी।
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने शुक्रवार को नए मसौदा कानून के बारे में जानकारी देते हुए एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि माननीय प्रधानमंत्री के 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' और 'ईज ऑफ लिविंग' के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए, हम प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक का मसौदा पेश करते हुए गर्व महसूस कर रहे हैं। यह महत्वपूर्ण कानून हमारे प्रसारण क्षेत्र के नियामक ढांचे को आधुनिक बनाता है और पुराने अधिनियमों, नियमों और दिशानिर्देशों को एक एकीकृत करते हुए भविष्य केंद्रित दृष्टिकोण को प्रतिस्थापित करता है। ठाकुर की ओर से आगे कहा गया कि नया कानून ओटीटी, डिजिटल मीडिया, डीटीएच, आईपीटीवी और अन्य के अनुसार होगा। यह उच्च तकनीक और सर्विस विनियमन को प्रमोट करेगा।
CEC का होगा गठन
ठाकुर की ओर से की गई पोस्ट में बताया गया कि इस कानून बाद ईसीई यानी Content Evaluation Committee का गठन किया जाएगा। इसके साथ ही ब्रोडकास्ट एडवाइजरी काउंसिल का गठन होगा, जिससे कि निर्णय जल्दी से लिया जा सके।
सभी पक्षों से मांगी राय
केंद्रीय मंत्री द्वारा पोस्ट में आगे लिख गया कि सभी का फीडबैक हमारे लिए महत्वपूर्व है। मैं सभी पक्षकारों को निमंत्रण देता हूं कि इस ऐतिहासिक बिल को आकार देने में हमारी मदद करें। यह बिल अधिक कुशल,समावेशी और दूरदर्शी प्रसारण पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने की दिशा में काफी महत्वपूर्व साबित होगा।
बता दें, अभी देश में ओटीटी के कंटेंट को रेगुलेट करने के लिए कोई भी कानून मौजूद नहीं है। नए कानून के आने से अश्लील ओटीटी कंटेंट पर लगाम लगेगी।