मोबाइल सिम और इंटरनेट यूज करने वाला हर शख्स जान ले ये 9 नये नियम, वरना लग जाएगा बड़ा जुर्माना
New Telecom Act : सरकार को जिस किसी स्थान पर ऐसा लगे कि यहां पर एक मोबाइल टावर खड़ा करना जरूरी है और वह प्रॉपर्टी किसी निजी व्यक्ति की है तो उस व्यक्ति की मर्जी के बिना भी सरकार उसकी प्रॉपर्टी पर मोबाइल टावर खड़ा कर सकती है।
New Telecom Act : एक समय था जब एक व्यक्ति अपने नाम से कितनी भी मोबाइल सिम ले सकता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। सरकार ने 26 जून 2024 से न्यू टेलीकम्युनिकेशन एक्ट लागू कर दिया है। इस एक्ट में कई सारी पाबंदियां लगाई गई हैं, जो आम लोगों के हितों को सुरक्षित करती हैं। आइए साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट और एडवोकेट प्रिया सांखला से जानते हैं कि न्यू टेलीकम्युनिकेशन एक्ट में क्या-क्या प्रावधान हैं।
- 1. कोई भी व्यक्ति अपने नाम और दस्तावेज के आधार पर अधिकतम 9 सिम ले सकता है और अगर वह व्यक्ति जम्मू कश्मीर या नॉर्थ और उत्तर पूर्वी इलाके से बिलॉन्ग करता है, तो वहां अधिकतम 6 सिम ही ले सकता है।
- 2. कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे के दस्तावेज के आधार पर सिम खरीद या इस्तेमाल नहीं कर सकता है। सिम लेते समय बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन जरूरी कर दिया गया है। टेलीकम्युनिकेशन सेवा का इस्तेमाल करने के लिए व्यक्ति को अपनी सही जानकारी देना आवश्यक होगा।
- 3. सरकार को जिस किसी स्थान पर ऐसा लगे कि यहां पर एक मोबाइल टावर खड़ा करना जरूरी है और वह प्रॉपर्टी किसी निजी व्यक्ति की है तो उस व्यक्ति की मर्जी के बिना भी सरकार उसकी प्रॉपर्टी पर मोबाइल टावर खड़ा कर सकती है।
- 4. इमरजेंसी के केस में या फिर युद्ध या किसी भी प्रकार की देश की सुरक्षा के संदर्भ में सरकार कभी भी किसी भी इलाके का कंपलीट टेलीकम्युनिकेशन बंद कर सकती है। सरकार चाहे तो देश की सुरक्षा के संदर्भ में किसी भी व्यक्ति के मैसेज को ऑब्जर्व या रीड कर सकती है। इसमें पत्रकारों को छूट दे दी गई है, मगर अगर सरकार को संदेह है तो वह उनके भी मैसेज को पढ़ सकती है।
- 5. कोई भी कंपनी किसी भी व्यक्ति को जो कि टेलीकम्युनिकेशंस सर्विस का इस्तेमाल करता है उसकी मर्जी के बिना उसे व्यवसायिक मैसेज नहीं भेज सकती। व्यवसायिक मैसेज भेजने के लिए परमिशन लेना जरूरी होगा।
- 6. सभी टेलीकम्युनिकेशन कंपनी से डिजिटल भारत निधि के नाम से एक फंड लिया जाएगा, जिसका इस्तेमाल ग्रामीण इलाकों में मोबाइल नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए किया जाएगा। अप्रत्यक्ष रूप से जो मोबाइल कंपनी द्वारा सिम पर चार्ज बढ़ाए गए हैं, वह इसी सेक्शन के कारण हो सकते हैं।
- 7. कोई भी प्राइवेट कंपनी या प्राइवेट संस्थान सरकार की परमिशन के बिना अपने निजी ऑफिस या किसी भी स्थान पर किसी भी डिवाइस के जरिए मोबाइल नेटवर्क या टेलीकम्युनिकेशन सेवा को सस्पेंड या रोक नहीं सकती है।
- 8. उपभोक्ता और कंपनी के बीच में मतभेद को सुलझाने के लिए एक शिकायत विभाग बनाया गया है।
- 9. भारत के दूरसंचार नियामक (TRAI) ने भी मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के लिए एक नियम बनाया है, जिसके आधार पर कोई भी व्यक्ति अपना मोबाइल नंबर किसी नए नेटवर्क में स्विच करता है, तो उसे 7 दिन का इंतजार करना होगा।
ये हैं सजा के प्रावधान
- 1. यदि कोई व्यक्ति निश्चित सीमा से अधिक सिम रखता है, तो उसे पहली बार अपराध के लिए जुर्माना 50,000 रुपये लगेगा और बाद में उल्लंघन के लिए यह राशि बढ़कर 2 लाख रुपये हो जाएगी।
- 2. यदि कोई किसी अन्य व्यक्ति को धोखा देकर और उनके पहचान दस्तावेजों का उपयोग करके सिम कार्ड प्राप्त करता है, तो उसे तीन साल तक की कैद, ₹ 50 लाख तक का जुर्माना या दोनों का सामना करना पड़ सकता है।
- 3. यदि कोई कंपनी व्यक्ति की मर्जी के बिना उसे व्यावसायिक मैसेज करती है, तो ₹2 लाख तक का जुर्माना और उसकी सर्विस भी बंद की जा सकती है।
- 4. सरकार की परमिशन लिए बिना किसी भी डिवाइस के द्वारा टेलीकम्युनिकेशंस सर्विस को रोकने पर तीन साल की कैद, ₹50 लाख का जुर्माना, या दोनों लग सकते हैं।
- 5. राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित कानूनों का उल्लंघन (जैसे कि सरकार द्वारा आदेशित करने पर भी कम्युनिकेशन सेवा को प्रतिबंधित ना करना या फिर मैसेज को पढ़ने की सुविधा सरकार द्वारा नियुक्त ऑफिसर को ना देना या अन्य किसी डिवाइस के माध्यम से टेलीकम्युनिकेशंस सर्विस का सरकार द्वारा प्रतिबंधित होने पर लाभ उठाना) करने पर व्यक्ति को तीन साल की कैद, ₹2 करोड़ का जुर्माना, या दोनों लग सकते हैं।