आप अब अपने सपनों को रिकॉर्ड कर सकते हैं और उन्हें जब चाहे फिर से दोबारा देख सकते हैं। जी हां, ऐसा अब संभव हो सकता है। विज्ञान और टेक्नोलॉजी ने आज इतनी तरक्की कर ली है कि अब कुछ भी असंभव सा नहीं लगता है। जापानी वैज्ञानिकों ने एक ऐसा डिवाइस बनाया है, जो आपके सपनों को रिकॉर्ड कर सकता है और उसे प्लेबैक भी कर सकता है। यह डिवाइस ब्रेन इमेजिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर बेस्ड है।
रिसर्च में चौंकाने वाले नतीजे
जापान के क्योटो स्थित ATR कंप्यूटेशनल न्यूरोसाइंस लैबोरेट्रीज ने एक ऐसी स्टडी कंडक्ट की है, जिसमें सपनों को रिकॉर्ड करने का दावा किया गया है। इस लैब की प्रोफेसर यूकीयासू कमिटानी की अध्यक्षता में की गई इस स्टडी में फंक्शनल मैग्नेटिक रेसोनांस इमेजिंग (fMRI) के सहारे न्यूरल एक्टिविटी को रिकार्ड किया गया है। इसमें भाग लेने वाले वॉलंटियर्स सोते समय वह एक ऐसी कंडीशन में पहुंच गए जिसे REM स्लीप कहा जाता है। उनसे जब उनके सपने के बारे में पूछा गया तो डिवाइस द्वारा रिकॉर्ड की गई जानकारी 60 प्रतिशत तक सच हुई।
प्रोफेसर यूकीयासू कमिटानी ने बताया कि हमने सोते समय दिमाग की एक्टिविटी को ट्रैक करने में कामयाब हो गए। इस टेक्नोलॉजी में कई संभावनाएं हैं, जिसके जरिए इंसानों के दिमाग के आंतरिक संवेदनाओं का पता लगाया जा सके। यह डिवाइस इंसानों के दिमाग की गतिविधियों को जानने में अहम योगदान दे सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के न्यूरोलोजिस्ट डॉ मार्क स्टोक्स का कहना है कि यह एक अकल्पनीय रिसर्च एक्सपीरियंस रहा है, जिसमें हम सपने पढ़ने वाली मशीन के इतने करीब पहुंच सके हैं।
मेंटल हेल्थ की समस्या से मिलेगा निदान
यह टेक्नोलॉजी मेंटल हेल्थ की समस्या से जूझ रहे इंसानों की जांच में अहम योगदान दे सकती है। वैज्ञानिक इस टेक्नोलॉजी को और भी बेहतर बनाने के लिए लगातार काम करते रहेंगे। अभी यह शुरुआती दौर है, जिसमें हम दिमाग की गतिविधियां पढ़ने में काफी हद तक कामयाब रहे हैं। जैसे-जैसे यह टेक्नोलॉजी एडवांस होगी, हम सपनों के बारे में और गहराई से अध्ययन कर सकेंगे।
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