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iPhone की किस तरह होती है ड्यूरेबिलिटी टेस्ट? वीडियो आई सामने

iPhone की ड्यूरेबिलिटी टेस्ट किस तरह की जाती है, इसका एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया गया है। IP रेटिंग से लेकर ड्रॉप टेस्ट वाले इस वीडियो में अलग-अलग एंगल से फोन को टेस्ट करते हुए दिखाया गया है।

iPhone durability test- India TV Hindi Image Source : FILE iPhone durability test

iPhone दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने वाले स्मार्टफोन में से एक हैं। पिछले दिनों आई रिपोर्ट के मुताबिक, पूरी दुनिया में 10 सबसे ज्यादा बिकने वाले स्मार्टफोन में से 6 iPhone के मॉडल्स रहे हैं। अन्य स्मार्टफोन के मुकाबले महंगी होने के बावजूद यूजर्स इसे पसंद करते हैं। हर ब्रांड अपने स्मार्टफोन को मार्केट में लॉन्च करने से पहले उसकी ड्यूरेबिलिटी टेस्ट करते हैं, ताकि यूजर्स को फोन यूज करते समय किसी भी तरह की दिक्कत न आए। iPhone के एक ऐसे ही ड्यूरेबिलिटी टेस्ट का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शेयर किया गया है, जिसमें दिखाया गया है कि IP रेटिंग के लिए iPhone को किन टेस्ट से गुजरना पड़ता है।

इस तरह की जाती है ड्यूरेबिलिटी टेस्ट

iPhone के इस ड्यूरेबिलिटी टेस्ट का वीडियो Marques Brownlee नाम के यूजर ने अपने X हैंडल से शेयर किया है। इसमें मार्कस ने बताया iPhone की ड्यूरेबिलिटी टेस्ट के विभिन्न चरणों का जिक्र किया है। हाल के वर्षों में लॉन्च होने वाले iPhone के सभी मॉडल IP रेटेड होते हैं यानी वो पानी और धूल-मिट्टी में खराब नहीं होते हैं। मार्कस ने अपने वीडियो में दिखाया कि किस तरह से पानी के फव्वारों के बीच iPhone को रखकर टेस्ट किया जाता है।

IPX4 रेटिंग के लिए iphone को बिना किसी प्रेशर वाले पानी की बारिश में रखा जाता है। इसके बाद IPX5 रेटिंग टेस्ट की जाती है, जिसमें iPhone पर हल्के प्रेशर की बौछारें डालने के लिए जेट स्प्रे का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, तीसरे लेवल यानी IPX6 की टेस्टिंग के लिए iPhone पर हाई प्रेशर स्प्रे किया जाता है। वहीं, IPX8 रेटिंग के लिए iPhone को पानी के अंदर डुबाकर हाई प्रेशर और गहराई में टेस्ट किया जाता है।

ड्रॉप टेस्ट के लिए हैं रोबोट

मार्कस ने आगे कई और वीडियो शेयर करके बताया कि Apple ने अपने iPhone की टेस्टिंग के लिए कई प्रोग्राम किए हुए इंडस्ट्रियल रोबोट रखा है, जो अपने हिसाब से ड्रॉप टेस्ट करते हैं और इसकी ड्यूरेबिलिटी की जांच करते हैं। इसके लिए iPhone को कई एंगल से ऊंचाई से गिराया जाता है। इसे देखने के लिए हाई स्पीड कैमरा का इस्तेमाल किया जाता है, जो यह चेक करता है कि गिरने के दौरान फोन में कोई दिक्कत तो नहीं आई है।