भारत का टेलीकॉम सेक्टर दुनिया से कैसे है अलग? पीएम मोदी ने IMC 2024 में गिनाई 10 बड़ी वजह
India Mobile Congress के 8वें संस्करण का आगाज हो गया है। पीएम मोदी ने एशिया के सबसे बड़े टेक इवेंट में भारत के टेलीकॉम सेक्टर को दुनिया से अलग बताया है।
एशिया के सबसे बड़े टेक इवेंट इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC 2024) का आगाज हो गया है। चार दिनों तक चलने वाले इस इवेंट का थीम "Future is Now" यानी "भविष्य अभी है" रखा गया है। IMC का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। उनके साथ केन्द्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत दूरसंचार कंपनियों के चेयरमैन और इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन के सदस्य भी इस इवेंट में शामिल रहे।
भारत का टेलीकॉम सेक्टर दुनिया से अलग
पीएम मोदी ने इंडिया मोबाइल कांग्रेस में भारत के टेलीकॉम सेक्टर को दुनिया के अलग बताया है। उन्होंने कहा कि दुनिया के लिए टेलीकॉम केवल कम्युनिकेशन का माध्यम है लेकिन भारत में यह कम्युनिकेशन के साथ-साथ इक्विटी का भी माध्यम है। नए भारत में यह माध्यम गांव, शहर, अमीर और गरीब के बीच की दूरी को काम करने का काम कर रहा है।
गिनाई ये 10 बड़ी वजह
- भारत आज टेलीकॉम और टेक्नोलॉजी के मामले में दुनिया का सबसे हैपनिंग देशों में से एक है। यहां 120 करोड़ मोबाइल और 95 करोड़ इंटरनेट यूजर्स हैं।
- भारत में दुनिया का 40 प्रतिशत रियल टाइम डिजिटल ट्रांजैक्शन किया जाता है। भारत डिजिटल कनेक्टिविटी को लास्ट माइल डिलीवरी के लिए इफेक्टिव टूल की तरह काम में लाता है।
- भारती टेलीकॉम सेक्टर में क्वालिटी ऑफ सर्विस पर बहुत ज्यादा फोकस किया जा रहा है। यहां की मोबाइल और टेलीकॉम यात्रा दुनिया के लिए एक स्टडी का विषय है।
- दुनियाभर में मोबाइल और टेलीकॉम को केवल सुविधा के तौर पर देखा गया है, जबकि भारत में इसका मॉडल कुछ और रहा है। इसे इक्विटी का माध्यम बनाया गया है, जो गांव और शहर, अमीर और गरीब के बीच के अंतर को कम करने का काम करता है।
- भारत में डिजिटल इंडिया के चार पिलर्स- डिवाइस की कम कीमत, डिजिटल कनेक्टिविटी, डेटा की हर यूजर्स तक पहुंच और डिजिटल फर्स्ट पर काम किया गया है।
- भारत में मोबाइल फोन की कीमत कम करने के लिए मेक इन इंडिया प्रोग्राम पर काम किया गया है। पिछले 10 साल में मोबाइल मैन्युफेक्चरिंग यूनिट की संख्यां दो से बढ़कर 200 के पार पहुंच कई है।
- बॉर्डर और पहाड़ी एरिया में कनेक्टिविटी पहुंचाने के लिए तेजी से हजारों मोबाइल टावर्स लगाए गए हैं। इंटरनेट को सब तक पहुंचाने के लिए रेलवे स्टेशन और अन्य पब्लिक प्लेस में हजारों की संख्यां में पब्लिक Wi-Fi लगाए गए हैं।
- भारत ने अंडमान में कनेक्टिविटी पहुंचाने के लिए समुद्र के नीचे से ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाया है। भारत ने सिर्फ 10 साल में जितना OFC बिछाया है, उसकी लंबाई धरती और चंद्रमा की दूरी का भी 8 गुना है।
- भारत ने सबसे तेजी से 5G रोल आउट करके दिखाया है और 6G की भी तैयारी की जा रही है। भारत में इंटरनेट डेटा की कीमत लगभग 12 सेंट प्रति GB है, जबकि दुनिया के कई देशों में प्रति GB डेटा की कीमत इससे 10 गुना ज्यादा है। हम प्रति यूजर 30GB डेटा कंज्यूम करते हैं।
- टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल लोगों के वेलफेयर के लिए किया जा रहा है। महिलाओं के लिए ड्रोन दीदी से लेकर महिला ई-हाट जैसी योजनाएं भारत में चलाई जा रही है, जो भारत के डिजिटल क्रांति की एक मिसाल है।
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