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Hindi News टेक न्यूज़ गजब! IIT कानपुर ने तैयार की ऐसी टेक्नोलॉजी, दुश्मन के लिए 'मिस्टर इंडिया' बन जाएंगे इंडियन आर्मी के जवान

गजब! IIT कानपुर ने तैयार की ऐसी टेक्नोलॉजी, दुश्मन के लिए 'मिस्टर इंडिया' बन जाएंगे इंडियन आर्मी के जवान

IIT Kanpur ने भारतीय सेना के लिए एक ऐसी टेक्नोलॉजी Analaksya डेवलप की है, जिसकी मदद से सेना के जवान 'मिस्टर इंडिया' बन जाएंगे। दुश्मन के रडार उनके मूवमेंट को ट्रैक नहीं कर पाएंगे।

IIT Kanpur unveils Analaksya- India TV Hindi Image Source : IIT KANPUR IIT Kanpur unveils Analaksya

IIT Kanpur के रिसर्चर्स ने ऐसी टेक्नोलॉजी डेवलप की है, जिसकी वजह से भारतीय सेना के जवान दुश्मन की रडार के लिए 'मिस्टर इंडिया' बन जाएंगे। यह टेक्नोलॉजी 80 के दशक में आई अनिल कपूर की फिल्म 'मिस्टर इंडिया' की तरह ही कुछ भी गायब कर सकता है। आईआईटी कानपुर ने इस स्टिल्थ (Stealth) सिस्टम को 'अनालक्ष्य' नाम दिया है। पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर विकसित यह टेक्नोलॉजी रडार से आने वाली तरंगो को सोख लेती है। इस टेक्नोलॉजी की वजह से भारतीय सेना के जवान के साथ-साथ अन्य ऑब्जेक्ट लगभग गायब हो जाते हैं।

MSCS टेक्नोलॉजी

IIT कानपुर ने अपनी प्रेस रिलीज में बताया कि अनलक्ष्य एक ग्राउंडब्रेकिंग स्टील्थ मेथमैटेरियल सरफेस क्लॉकिंग सिस्टम (MSCS) टेक्नोलॉजी है, जिसे इस तरह से डिजाइन किया गया है, जो किसी भी ऑब्जेक्ट को लगभग इनविजिबल कर देते हैं। जिसकी वजह से कोई भी रडार इनके बारे में पता नहीं लगा सकते हैं। यह स्टील्थ टेक्नोलॉजी डिफेंश और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए काफी उपयोगी होने वाली है।

दुश्मन के रडार को करेगी निष्क्रिय

आईआईटी कानपुर की टीम के रिसर्चर्स और छात्रों ने इस स्वदेशी टेक्नोलॉजी को डेवलप किया है। यह एक टेक्स्टाइल बेस्ड ब्रॉडबैंड मेथमैटेरियल माइक्रोवेव ऑब्जर्बर है। इसमें एक यूनीक क्षमता है, जो रडार की तरंगों को एब्जॉर्ब करके वाइड स्पेक्ट्रम में फैला देती है। यह सिंथेटिक अपर्चर रडार (SAR) अपर्चर को निष्क्रिय कर देती है। यह टेक्नोलॉजी खास तौर पर रडार द्वारा नियंत्रित की गई मिसाइल से छिपने के लिए भारतीय सेना की मदद करेगी। 

स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल

इस स्वदेशी टेक्नोलॉजी में इस्तेमाल की जाने वाली मटीरियल में से 90 प्रतिशत भारत में ही तैयार किए गए हैं। आईआईटी कानपुर की रिसर्च टीम ने 2019 से लेकर 2024 के बीच इस टेक्नोलॉजी को अलग-अलग ऑपरेशनल कंडीशन में टेस्ट किया है। इस टेक्नोलॉजी का लाइसेंस मेटा तत्व सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को मिला है, जो इसके मैन्युफेक्चरिंग का काम करेगी, ताकि आगे चलकर भारतीय सेना को इसे दिया जा सके। यह टेक्नोलॉजी मॉडर्न जमाने के युद्ध के दौरान भारतीय सेना को दुश्मन के रडार से बचाने में मदद करेगी और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए यह काफी उपयोगी होगी।

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