OTT को रेगुलेट करने के लिए सरकार ने नई पॉलिसी ड्राफ्ट की है। केंद्रीय सूचना और प्रसारण और संसदीय कार्य राज्य मंत्री एल मुरूगन ने बुधवार 23 अक्टूबर को इस बात की घोषणा की है। केंद्रीय राज्य मंत्री ने OTT पर ड्राफ्ट की गई पॉलिसी को फीडबैक और पब्लिक इनपुट के लिए भेजा है। फीडबैक मिलने के बाद OTT पर दिखाए जाने या प्रसारित किए जाने वाले कॉन्टेंट को लेकर पॉलिसी को संसद में पेश किया जाएगा। लंबे समय से OTT को रेगुलेट करने की बात की जा रही है। OTT के लिए मौजूदा सेल्फ रेगुलेटरी गाइडलाइंस को लेकर कई बार सवाल उठ चुके हैं।
OTT को लेकर मिली कई शिकायतें
केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा सेल्फ रेगुलेटरी गाइडलाइंस में OTT सर्विस प्रोवाइड दिखाए जाने वाले कॉन्टेंट के लिए केवल डिस्लेमर (अस्वीकरण) लिख देते हैं कि यह कॉन्टेंट मेच्योर दर्शकों के लिए है या आवश्यक होने पर पैरेंट्स के मार्गदर्शन की सलाह लेनी चाहिए। इन आवश्यक कदमों के बावजूद OTT पर दिखाए जाने वाले कॉन्टेंट को लेकर बड़ी संख्यां में शिकायतें प्राप्त हुई हैं।
कई शिकायतकर्ताओं ने कहा है कि कई OTT प्लेटफॉर्म गाइडलाइंस का लगातार उल्लंघन करते हैं, जिसे देखते हुए सरकार ने OTT पर दिखाए जाने वाले कॉन्टेंट को रेगुलेट करने के लिए एक सिस्टमैटिक नीति तैयार करने का फैसला किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि OTT पर कोई भी आपत्तिजनक चीजें प्रदर्शित न की जा सके। इसके लिए इंडस्ट्री से फीडबैक लिया जा रहा है, ताकि स्टेकहोल्डर्स और दर्शकों का बड़े पैमाने पर ध्यान रखा जा सके।
प्राइवेट FM पर समाचार होंगे प्रसारित
इसके अलावा सरकार प्राइवेट FM चैनल्स को न्यूज बुलेटिन चलाने के लिए परमिट देने पर भी विचार कर रही है। इस समय केवल सरकारी रेडियो चैनल आकाशवाणी यानी ऑल इंडिया रेडियो पर ही समाचार प्रसारित किए जाते हैं। प्राइवेट FM रेडियो चैनल को इसकी परमिशन मिलने के बाद वे भी समाचार प्रसारित कर सकेंगे। इसके लिए भी इंडस्ट्री से जुड़े रिप्रजेंटेटिव्स से फीडबैक ली जा रही है।
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