Google ने पिछले महीने आयोजित अपने डेवलपर्स कांफ्रेंस I/O 2024 में Android स्मार्टफोन के लिए नया थेफ्ट डिटेक्शन फीचर पेश किया था। यह फीचर AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम करता है। यह फीचर इसलिए खास है, क्योंकि फोन चोरी करने के बाद भी चोर फोन को यूज नहीं कर पाएगा। बिना फोन के फर्स्ट यूजर की मंजूरी के फोन अनलॉक नहीं होगा।
गूगल ने इस फीचर को ब्राजील में टेस्टिंग के लिए रोल आउट किया है। यह फीचर स्मार्टफोन के चोरी होने पर उसे लॉक कर देगा, जिसके बाद फोन का कोई भी डेटा, फोटो, बैंकिंग ऐप आदि यूज नहीं किया जा सकेगा। यह नया Anti-Theft फीचर फोन चोरी होने पर यूजर्स के निजी डेटा, बैंकिग डिटेल्स आदि के प्रोटेक्शन के लिए है।
इस तरह करेगा काम
गूगल ने अपने डेवलपर्स कांफ्रेंस में बताया था कि यह एंटी-थेफ्ट फीचर तीन तरह से चोरी हुए डिवाइस को लॉक करने में मदद करेगा। गूगल AI का इस्तेमाल करके यह पता लगाएगा कि मोबाइल हैंडसेट चोर के पास है या फिर असली मालिक के पास है? इसके लिए डिवाइस के मूवमेंट और डिटेक्ट किया जाएगा और फोन को लॉक कर दिया जाएगा।
वहीं, इसके लिए दूसरा तरीका यह है कि यूजर अपने चोरी हुए स्मार्टफोन का स्क्रीन रिमोटली लॉक कर सकेंगे। हालांकि, फोन को लॉक करने के लिए यूजर्स को किसी दूसरे डिवाइस का यूज किया जाएगा। प्रोसेस फॉलो करने के बाद यूजर अपने चोरी हुए फोन को लॉक कर पाएंगे। इसके अलावा फोन को लॉक करने का तीसरा तरीका यह है कि जब फोन लंबे समय तक इंटरनेट से कनेक्ट नहीं होगा, तो वह ऑटोमैटिकली लॉक हो जाएगा।
Google ने अपने इस फीचर को एक सेफगार्ड के तौर पर डेवलप किया है, जो फोन में होने वाली किसी भी संदिग्ध एक्टिविटी की वजह से ऑन हो जाता है। इस फीचर को फिलहाल टेस्टिंग के लिए ब्राजील में रोल आउट किया गया है। यूजर्स से फीडबैक लेने के बाद इसे दूसरे देशों में भी जारी किया जाएगा।
फोन चोरी करके पछताएगा चोर
गूगल के इस फीचर के आने के बाद फोन चोरी करने के बाद चोर उसे यूज नहीं कर पाएगा। चोरी किए गए फोन को बेचना मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि इसके लिए फोन को असली मालिक के क्रेडेंशियल्स की जरूरत होगी। फोन को फैक्ट्री रिसेट करने के लिए भी डिवाइस को अनलॉक करना जरूरी होगा।