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Elon Musk की Starlink का जलवा, सैटेलाइट सेल सर्विस की टेस्टिंग शुरू, बिना नेटवर्क के होगी कॉलिंग

एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर Starlink अपनी खास सैटेलाइट सेल सर्विस को टेस्ट कर रहा है। टेस्टिंग पूरा होने के बाद इसे लॉन्च किया जाएगा। यूजर्स बिना सिम कार्ड के ही कॉलिंग और इंटरनेट एक्सेस कर सकेंगे।

Elon Musk Starlink Satellite Internet- India TV Hindi Image Source : FILE एलन मस्क स्टारलिंक सैटेलाइट सेल सर्विस

Elon Musk की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कंपनी Starlink जल्द ही भारत में अपनी ब्रॉडबैंड सेवा शुरू कर सकती है। कंपनी को TRAI से हरी झंडी मिलने और स्पेक्ट्रम अलोकेशन का इंतजार है। स्टारलिंक इस दौरान सैटेलाइट सेल सर्विस की टेस्टिंग भी कर रहा है। कंपनी ने इसके लिए अमेरिकी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर T-Mobile के साथ साझेदारी की है। टेस्टिंग पूरा होने के बाद स्टारलिंक ब्रॉडबैंड के साथ-साथ सैटेलाइट कॉलिंग सर्विस की भी शुरुआत की जा सकती है।

FCC ने दिया अप्रूवल

स्टारलिंग और T-Mobile को अमेरिकी एजेंसी FCC से अप्रूवल मिल गया है। कंपनी ने इसके लिए रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया है। जो इस सर्विस को टेस्ट करना चाहते हैं वो T-Mobile Starlink डारेक्ट-टू-सेल सर्विस के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इस सर्विस का पहला बीटा टेस्ट 2025 में किया जाएगा, जिसमें पहले टेक्स्ट मैसेज पर फोकस किया जाएगा। इसके बाद वॉइस और डेटा कनेक्टिविटी को टेस्ट किया जाएगा। इसकी बीटा टेस्टिंग के लिए सीमित स्पॉट उपलब्ध है। हालांकि, सर्विस प्रोवाइडर्स पहले रजिस्टर कराने वाले एजेंसी और इंडिविजुअल्स को इसकी टेस्टिंग के लिए चुनेंगे।

बिना मोबाइल टावर के मिलेगी कनेक्टिविटी

Starlink सैटेलाइट के जरिए अमेरिका से 5 लाख स्क्वयार मील दूर तक कवरेज दिए जाने की तैयारी है। इस सर्विस के लिए टैरेस्टियल मोबाइल टावर का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। यूजर्स अपने फोन से सैटेलाइट सर्विस के जरिए कम्युनिकेशन स्थापित कर सकेंगे। इसके लिए न तो मोबाइल नेटवर्क की जरूरत होगी और न ही सिम कार्ड की। अपने स्मार्टफोन में सैटेलाइट सर्विस इनेबल करते ही कम्युनिकेशन किया जा सकेगा।

स्टारलिंक की यह सैटेलाइट-टू-सेल सर्विस अमेरिकी टेलीकॉम ऑपरेटर T-Mobile के मौजूदा नेटवर्क के साथ इंटिग्रेट की जाएगी ताकि यूजर्स रेगुलर सेल्युलर सर्विस के साथ इसे भी यूज कर सके। स्टारलिंक के सैटेलाइट-टू-सेल सर्विस का फायदा खास तौर पर उन रिमोट एरिया में होगा, जहां मोबाइल नेटवर्क मौजूद नहीं है। यूजर्स इस सर्विस के जरिए कम्युनिकेशन कर सकेंगे। बीटा टेस्टिंग के बाद इस सर्विस को कमर्शियली लॉन्च किया जा सकता है। स्टारलिंक की सैटेलाइट-टू-सेल सर्विस की टेस्टिंग सफल होने के बाद इसे अन्य देशों में भी लॉन्च किया जा सकता है।

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