डायरेक्ट-टू-मोबाइल (D2M) सर्विस शुरू करने के लिए टेलीकॉम कंपनियों ने सरकार से स्पेक्ट्रम नीलाम करने की गुहार लगाई है। सेलुलर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने कहा है कि स्पेक्ट्रम की नीलामी होने के बाद उसका पूरी तरह से इस्तेमाल किया जा सकेगा। स्पेक्ट्रम नीलामी की वजह से टेलीकॉम कंपनियां डायरेक्ट-टू-मोबाइल सर्विस के लिए रिजर्व स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल IMT (मोबिलिटी) या फिर ब्रॉडबैंड सर्विस के लिए कर पाएंगी। टेलीकॉम कंपनियों के पास एयरवेव फ्लेक्सिबिलिटी रहेगी, जिसकी वजह से इसे कई तरीकों से इस्तेमाल किया जा सकेगा।
सरकार लंबे समय से डायरेक्ट-टू-मोबाइल सर्विस लॉन्च करने की तैयारी में है। इस सर्विस को इस्तेमाल करने के लिए 527-582 MHz स्पेक्ट्रम को रिजर्व किया गया है। टेलीकॉम कंपनियों ने सरकार से इस स्पेक्ट्रम को नीलाम करने की गुहार लगाई है, ताकि इसका मोबाइल सर्विसेज के लिए भी इस्तेमाल किया जा सके। टेलीकॉम कंपनियां एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और रिलायंस जियो का कहना है कि यह स्पेक्ट्रम बैंड बहुत ही उपयोगी है, जिसका इस्तेमाल IMT यानी मोबाइल सर्विसेज के लिए भी किया जा सकता है।
क्या है D2M?
सरकार डायरेक्ट-टू-मोबाइल (D2M) सर्विस लाने के लिए लंबे समय से तैयारी कर रही है। इस सर्विस में बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी टीवी चैनल को मोबाइल डिवाइस पर स्ट्रीम किया जा सकेगा। चाहे डेली सोप हो या फिर क्रिकेट के मैच, इसके लिए मोबाइल में डेटा एक्सेस की जरूरत नहीं होगी। दूरसंचार विभाग (DoT), सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) और IIT-कानपुर मिलकर इस नई टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं।
डायरेक्ट-टू-मोबाइल टेक्नोलॉजी ठीक उसी तरह काम करेगी, जिस तरह से FM रेडियो काम करती है। इसमें रिसीवर को रेडियो फ्रिक्वेंसी के दायरे में रहना पड़ता है। यह नई टेक्नोलॉजी टीवी चैनल को रेडियो फ्रिक्वेंसी का इस्तेमाल करके रिसीवर यानी मोबाइल डिवाइस पर ब्रॉडकास्ट करेगी। इसके जरिए यूजर्स बिना इंटरनेट कनेक्शन के ही मल्टीमीडिया कॉन्टेंट एक्सेस कर पाएंगे।
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