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Hindi News टेक न्यूज़ Cyber Fraud बना 'सिरदर्द', I4C ने जारी किया चौंकाने वाला आंकड़ा, पहले 4 महीने में 1750 करोड़ रुपये की लूट

Cyber Fraud बना 'सिरदर्द', I4C ने जारी किया चौंकाने वाला आंकड़ा, पहले 4 महीने में 1750 करोड़ रुपये की लूट

Cyber Fraud in India: भारत में इस साल तेजी से साइबर फ्रॉड के मामले बढ़े हैं। I4C की ताजा रिपोर्ट की मानें तो साल के पहले 4 महीने में सैकड़ों करोड़ रुपये की ठगी की गई है। सबसे ज्यादा ठगी के मामले ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर की गई है।

Cyber Fraud in India- India TV Hindi Image Source : FILE Cyber Fraud in India

Cyber Fraud दुनियाभर के लोगों के लिए सिरदर्द बन गया है। हर साल साइबर फ्रॉड के जरिए हजारों करोड़ रुपये की लूट की जाती है। भारत में भी इस साल साइबर अपराध के मामले तेजी से बढ़े हैं। पिछले 4 महीने जनवरी से लेकर अप्रैल के बीच भारतीयों ने साइबर फ्रॉड की वजह से सैकड़ों करोड़ रुपये गवां दिए हैं। इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) की ताजा रिपोर्ट की मानें तो भारत में डेली 7 हजार से ज्यादा साइबर क्राइम के रिपोर्ट दर्ज किए जा रहे हैं। नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर लोग साइबर फ्रॉड की शिकायत कर रहे हैं।

4 महीने में 1750 करोड़ रुपये का फ्रॉड

I4C की रिपोर्ट की मानें तो साल की शुरुआती 4 महीनों में 4.70 लाख साइबर फ्रॉड की शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। वहीं, मई में हर रोज करीब 7 हजार साइबर फ्रॉड की शिकायतें की जा रही हैं, जो 2021 में दर्ज की गई शिकायतों से 113.7 प्रतिशत और पिछले साल की गई शिकायतों के मुकाबले 60.9 प्रतिशत ज्यादा हैं।

साइबर फ्रॉड के सबसे ज्यादा मामले ट्रे़डिंग स्कैम के सामने आए हैं, जिनमें लोगों से 1420 करोड़ रुपये की ठगी की गई है। 2024 की शुरुआती 4 महीने में ट्रेडिंग स्कैम के 20,043 मामले दर्ज किए गए हैं। साइबर फ्रॉड करने वाले लोगों को ट्रेडिंग के नाम पर ज्यादा पैसे कमाने का लालच देकर लूट रहे हैं। वहीं, भारत में ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट, गेमिंग, सेक्सटॉर्शन, गिफ्ट और बैंकिंग फ्रॉड के मामले भी तेजी से बढ़े हैं।

I4C के जरिए फ्रॉड पर लगाम

बता दें मौजूदा सरकार ने साइबर फ्रॉड से निपटने के लिए इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर की स्थापना की है। इसमें भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के साथ-साथ फिनटेक और टेलीकॉम कंपनियां शामिल हैं। इसके जरिए साइबर अपराध पर लगाम लगाने के लिए सभी एजेंसियां मिलकर काम करते हैं। इस कोऑर्डिनेशन सेंटर के जरिए ठगों के सिम कार्ड से लेकर बैंक अकाउंट, सोशल मीडिया अकाउंट आदि को ब्लॉक किया जाता है। यही नहीं, यह एजेंसी देश में होने वाले नए तरीकों के साइबर फ्रॉड पर भी नजर रखता है।

पिछले दिनों साइबर क्राइम और फाइनेंशियल फ्रॉड के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले हजारों मोबाइल हैंडसेट और लाखों सिम कार्ड को ब्लॉक किया गया है। इसके अलावा दूरसंचार विभाग ने करीब 18 लाख मोबाइल नंबर को ब्लॉक करने का आदेश जारी किया है।