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Betting और ऑनलाइन जुए वाले ऐप्स पर होगा कड़ा ऐक्शन, सरकार ने कर ली तैयारी

सरकार ने ऑनलाइन जुए और बेटिंग ऐप्स पर लगाम लगाने की तैयारी कर ली है। कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री ने क्रिकेट और चुनाव के सीजन में इस तरह के ऐप्स के जरिए नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है।

Betting Apps, Online Gambling Apps- India TV Hindi Image Source : FILE Betting और ऑनलाइन सट्टेबाजी वाले ऐप्स पर पूर्ण विराम लगाने की तैयारी शुरू हो गई है।

सरकार ऑनलाइन बेटिंग और जुए वाले ऐप्स पर लगाम लगाने की तैयारी में है। कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री ने ऑनलाइन जुए और सट्टेबाजी वाले ऐप्स के इनडायरेक्ट विज्ञापन के खिलाफ ऐक्शन लेने वाली है। इस समय इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2024 का आयोजन किया जा रहा है। क्रिकेट सीजन में इस तरह के इनडायरेक्ट ऐप्स का प्रमोशन किया जा रहा है। कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री ने इस तरह के विज्ञापन को CCPA (सेंटर कंज्यूमर प्रोटेक्शन ऑथोरिटी) की गाइडलाइंस के विरुद्ध है। मंत्रालय से संबंधित दो अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है।

रिपोर्ट के मुताबिक,स्पष्ट गाइडलाइंस मिलने के बावजूद क्रिकेट इवेंट्स और चुनाव के दौरान इस तरह के ऐप्स का खूब प्रमोशन किया जा रहा है। उपभोक्ता मंत्रालय ने MeitY को इससे संबंधित एक पत्र लिखकर कहा है कि नियमों का उल्लंघन करने वाले ऐप्स पर जरूरी कानूनी कार्रवाई करने की जरूरत है। यही नहीं, ऐप्स को बैन करने के साथ-साथ उनके ऑपरेशन को प्रतिबंधित करने की जरूरत है। यही नहीं, इन ऐप्स के प्रमोटर पर भारी जुर्माना भी लगाया जाना चाहिए।

Betting को लेकर क्या है नियम?

भारत में किसी भी तरह के पब्लिक गेम्बलिंग यानी जुआ 1867 ऐक्ट के तहत प्रतिबंधित है। नियमों के विरूद्ध ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफॉर्म लगातार अपनी सर्विस का प्रचार कर रहे हैं। इन ऐप्स का युवाओं पर बुरा असर हो रहा है। साथ ही, इसके वित्तीय और सामाजिक दुष्प्रभाव हो सकते हैं। पहले भी सरकार ऑनलाइन बेटिंग को लेकर कई बार सख्त ऐक्शन ले चुकी है।

इंडस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक, भारत का गेमिंग मार्केट वित्त वर्ष 2023 में 3.1 बिलियन डॉलर का रहा है और संभावना है कि अगले 5 साल में यह मार्केट बढ़कर 7.5 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। इस समय भारत चीन के बाद दुनिया का दूसरा गेमिंग मार्केट है। भारत में 2023 में 15.4 बिलियन गेम डाउनलोड किए गए हैं, जो कि एक रिकॉर्ड है।

ऑनलाइन गेम की वजह से वित्तीय और सामाजिक प्रभाव के साथ-साथ स्वास्थ्य संबंधी प्रभाव भी हो सकता है। ऐसा कहा जा रहा है ऑनलाइन गेम खेलने के दौरान इन-गेम परचेज की वजह से वित्तीय नुकसान होने की संभावना है। यही नहीं, ये ऑनलाइन गेम प्राइवेसी और सिक्योरिटी के लिए भी नुकसानदायक हो सकते हैं।