6G का इंतजार हुआ खत्म! Ericsson ने बता दिया कब होगा लॉन्च, 5G एडवांस्ड की हो गई तैयारी
Ericsson मोबिलिटी रिपोर्ट के नवंबर 2024 संस्करण में स्वीडिश कंपनी ने 6G सर्विस लॉन्च को लेकर बड़ी जानकारी दी है। इस रिपोर्ट में नेटवर्क सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए 5G एडवांस्ड को गेम चेंजर बताया गया है।
6G को लेकर बड़ी जानकारी टेलीकॉम इक्विपमेंट और नेटवर्क डिप्लॉयमेंट करने वाली कंपनी Ericsson ने शेयर की है। एरिक्सन का कहना है कि अभी 5G SA और 5G Advanced का दौर शुरू होने वाला है। इसके बाद 6G तेजी से पूरे टेलीकॉम सेक्टर को बदलकर रख देगा। कम्युनिकेशन सर्विस प्रोवाइडर्स (CSPs) इस दशक में 5G को और बेहतर तरीके से लोगों तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। Ericsson Mobility Report जारी करते हुए कंपनी ने कहा कि नई कैपिबिलिटीज आने के बाद यूजर्स द्वारा डेटा कंज्यूम करने का वॉल्यूम और बढ़ने वाला है।
2030 में लॉन्च होगा 6G
नवंबर 2024 की रिपोर्ट में टेक कंपनी ने बताया कि अगले दशक की शुरुआत यानी 2030 में 6G डिप्लॉय कर दिया जाएगा। इस समय भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, अमेरिका और चीन जैसे देशों में 6G कम्युनिकेशन को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस समय दुनिया के 320 टेलीकॉम ऑपरेटर्स 5G SA (Stand Alone) नेटवर्क सर्विस कमर्शियली मुहैया करा रहे हैं। यह पूरी दुनिया का महज 20 प्रतिशत ही है। 2030 तक 5G SA की पहुंच दुनिया के 60 प्रतिशत यूजर्स तक हो जाएगी।
भारत इस समय सबसे तेजी से 5G नेटवर्क डिप्लॉय करने वाला देश है। Airtel और Jio ने मिलकर देश के लगभग सभी जिलों में कमर्शियल 5G सर्विस पहुंचा दी है। हालांकि, Airtel ने NSA यानी नॉन स्टैंड अलोन 5G नेटवर्क यूजर्स तक पहुंचाया है, जिसे एक टेम्पोररी सॉल्यूशन कहा जाता है। यह मौजूदा 4G इंफ्रास्ट्रक्चर पर बेस्ड होता है। वहीं, Jio इस समय यूजर्स को 5G SA सर्विस मुहैया करा रहा है, जिसमें 5G सर्विस के लिए पूरी तरह से नया इंफ्रास्ट्रक्चर लगाया जाता है।
एरिक्सन मोबिलिटी रिपोर्ट में इस बात पर फोकस किया गया है कि अब टेलीकॉम कंपनियां नेटवर्क कैपेबिलिटीज को बढ़ाने के लिए एडवांस्ड 5G पर काम करेंगी। 5G एडवांस्ड में ज्यादा कैपेसिटी के साथ यूजर्स को सर्विस एक्सपीरियंस करने का मौका मिलेगा।
5G एडवांस्ड बनेगा गेम चेंजर
2030 तक 5G एडवांस्ड पूरी तरह से डिप्लॉय होने के बाद फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (FWA) के जरिए मोबाइल डेटा ट्रैफिक अभी के मुकाबले तीन गुना बढ़ने की संभावना है। खास तौर पर जेनरेटिव AI के आने से वीडियो कंज्मप्शन और अपलिंग ट्रैफिक तेजी से बढ़ रही है। इस समय भारत में सबसे ज्यादा मोबाइल इंटरनेट डेटा का इस्तेमाल किया जाता है, जो प्रति यूजर करीब 32GB तक है। 2030 तक यह 66GB तक पहुंच सकता है।
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