नई दिल्ली: आजकल जब हम कोई स्मार्टफोन खरीदने जाते हैं तो हममें से कई उसके फीचर्स में फिंगरप्रिंट स्कैनर जरूर देखते हैं। इसके पीछे हमारा लॉजिक होता है कि इससे हमारे फोन का गलत इस्तेमाल होने की संभावना खत्म हो जाती है। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कुछ रिसर्चर्स के मुताबिक फिंगरप्रिंट स्कैनर पूरी तरह सिक्यॉर नहीं है!
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जी हां, न्यू यॉर्क यूनिवर्सिटी और मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स की स्टडी के मुताबिक डिजिटली तैयार किए गए फर्जी फिंगरप्रिंट से किसी भी स्मार्टफोन के फिंगरप्रिंट सेंसर को हैक किया जा सकता है। रिसर्चर्स ने आर्टिफिशल मास्टर प्रिंट्स बनाए हैं जो असली फिंगरप्रिंट से मैच करती हैं। रिसर्चर्स के मुताबिक इसकी सक्सेस रेट भी लगभग 65 पर्सेंट है। हालांकि अभी इसकी असली फोन से टेस्टिंग नहीं की गई है, और विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा होने पर इसकी सक्सेस रेट कम हो जाएगी।
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शोधकर्ताओं ने अपने इस रिसर्च में 8,200 पार्शियल फिंगरप्रिंट्स का इस्तेमाल किया। एक फैक्ट यह भी है कि इंसानों के फुल फिंगरप्रिंट्स को टैंपर करना बेहद ही मुश्किल है, लेकिन स्मार्टफोन्स के फिंगरप्रिंट स्कैनर बेहद छोटे होते हैं और वे फिंगरप्रिंट का एक हिस्सा ही कैप्चर करते हैं। कोई भी स्मार्टफोन फिंगरप्रिंट स्कैनर सेटअप करने के लिए आमतौर पर 8 से 10 इमेज लेता है। इस रिसर्च से एक बात तो साफ हो गई है, कि फिंगरप्रिंट स्कैनर पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है, भले ही इसके हैक होने की संभावना बेहद ही कम क्यों न हो।