बीजिंग: भारत का पड़ोसी देश चीन तकनीक के क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन अपनी तरक्की से दुनिया को अचंभित करता जा रहा है। इसी कड़ी में चीन ने अपने यहां पहली बार 'अदृश्य' पटरी पर ट्रेन चलाकर एक बार फिर दुनिया को हैरान कर दिया। यह ट्रेन वर्चुअल ट्रैक (आभासी पटरी) पर दौड़ती है। इस ट्रेन का ट्रायल चीन के हुनान प्रांत के झुझोऊ प्रांत में किया गया और सफल रहा। चीन ने इस सेवा का नाम ऑटोनॉमस रैपिड ट्रांज़िट (ART) रखा है।
वर्चुअल ट्रैक्स को अदृश्य पटरियां इसलिए कहा जा रहा है कि ये आपको दिखाई नहीं देंगी। चीन का यह भी कहना है कि इस ट्रेन के द्वारा प्रदूषण नहीं फैलता और यह मेट्रो ट्रेन से भी सस्ती है। इस ट्रेन को चीन अपने यहां 2018 में चलाने की योजना बना रहा है। इस ट्रेन में बसों और ट्रकों की तरह स्टीयरिंग वील लगे हुए हैं और ये पारंपरिक ट्रेनों से काफी अलग है।
ये हैं ऑटोनॉमस रैपिड ट्रांज़िट की खूबियां
- यह ट्रेन 30 मीटर लंबी है और इसमें ऐसे सेंसर लगे हैं जो कि सड़क की लंबाई-चौड़ाई और विस्तार को खुद ही भांप लेंगे।
- इस सेंसर की मदद से ट्रेन बिना धातु की पटरियों के ही अपने रास्ते पर चल सकेगी।
- ART की हर ट्रेन में 307 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था होगी।
- इसकी अधिकतम रफ्तार 70 किलोमीटर प्रति घंटा है।
- सिर्फ 10 मिनट चार्ज होने के बाद यह ट्रेन 25 किलोमीटर तक दौड़ सकती है।
- इस ट्रेन में स्टील के नहीं, बल्कि रबर के पहिये लगे हैं।
- ट्रेन की लागत 76 करोड़ रुपये बताई जा रही है।