स्टीवन पॉल "स्टीव" जॉब्स 2011 में इस दुनिया को छोड़कर चले गए थे, लेकिन उन्हें शायद एक दिन भी भूला नहीं जा सकता। वो अरबों लोगों के ज़ेहन में अपने प्रॉडक्ट्स और एप्पल की वजह से रचे-बसे हुए हैं। तो फिर आज क्या खास है कि हम उन्हें याद कर रहे हैं। आज हम उन्हें खासतौर से याद कर रहे हैं, क्योंकि 24 फरवरी 1955 के दिन ही उन्होंने इस धरती पर जन्म लिया था। जब वो इस दुनिया को छोड़कर गए, तो दुनिया पहले जैसी नहीं रह गई गई थी, क्योंकि उस पर स्टीव जॉब्स ने ऐसी छाप छोड़ी थी, जिसका रंग वक्त से साथ धुंधला भले हो जाए, पर उसका अक्स बरसों तक बरकरार रहेगा।
जॉब्स ने कई उद्योगों को किया था प्रभावित
एप्पल इंक के को-फाउंडर और सीईओ थे स्टीव। उनकी गिनती 1970 के दशक में माइक्रो-कंप्यूटर क्रांति शुरू करने वालों में की जाती है। उनके निधन के बाद उनकी आत्मकथा के लेखक वाल्टर आईसेक्सन ने कहा कि स्टीव एक ऐसे क्रिएटिव व्यवसायी थे, जिनके परफेक्शन के लिए जुनून ने इन छह उद्योगों में क्रांति ला दी: पर्सनल कंप्यूटर, कार्टून फिल्म, संगीत, टैबलेट और डिजिटल पब्लिशिंग।
दुनिया के करोड़ों लोग स्टीव के विचारों से हैं प्रभावित
अपने लंबे व्यावयासिक जीवन में उन्होंने कई उतार-चढ़ाव देखे। इसीलिए सारी दुनिया में उनके प्रेरक विचारों को बहुत चाव के साथ पढ़ा जाता है। उन्हें इन प्रॉडक्ट्स के लिए सदा याद रखा जाएगा: एप्पल II, एप्पल लीसा, मैकिन्टोश कंप्यूटर, नेकस्ट कंप्यूटर, आईमैक, आईट्यून्स, आईपॉड, आईफोन और आईपैड।
स्टीव जॉब्स के प्रेरक विचारों को पढ़ने के लिए अगली स्लाइड्स पर जाएं: